बाह्य वायु प्रदूषण को रोकने के लिए कठोर नियमनों को लागू करने में सरकार के विफल रहने पर भारत में वर्ष 2040 तक प्रदूषित वायु के कारण रोजाना औसतन 2500 लोगों की मौत हो सकती है. यह बात एक रिपोर्ट में कही गई.
अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (आईईए) की रिपोर्ट ‘वर्ल्ड एनर्जी आउटलुक’ में इस बात का भी उल्लेख किया गया है कि 2015 में बाह्य वायु प्रदूषण से सालाना पांच लाख 90 हजार समय पूर्व मौत हुई. यह औसतन रोजाना 1600 से अधिक है. अतिरिक्त 10 लाख समय पूर्व मौतें घरेलू वायु प्रदूषण की वजह से हुईं.
रिपोर्ट में कहा गया है कि नियम बिजली क्षेत्र के प्रदूषक उत्सर्जन में कटौती करने में प्रभावी है जबकि न्यू भारत छह मानदंड परिवहन में एनओएक्स और पीएम 2.5 के उत्सर्जन में कटौती करता है लेकिन ये उपलब्धियां उद्योग क्षेत्र से उत्सर्जन में जबर्दस्त वृद्धि के मद्देनजर प्रति संतुलन से अधिक हैं. रिपोर्ट में मौजूदा नयी नीतियों समेत दो परिदृश्यों का विश्लेषण किया गया है.
स्वच्छ वायु परिदृश्य की वकालत करते हुए इसमें कहा गया है कि यह सकारात्मक प्रभाव प्रदर्शित करेगा जो समय पर और अधिक सख्त वायु प्रदूषण नियमनों का सार्वजनिक स्वास्थ्य पर हो सकता है. इसमें यह भी कहा गया है कि अगर स्वच्छ रसोई स्टोव का इस्तेमाल बढ़ता है तो घरेलू वायु प्रदूषण से समय से पूर्व होने वाली मौतों की संख्या में तकरीबन आठ लाख की गिरावट आएगी.
दिल्ली की बात करते हुए रिपोर्ट में कहा गया है कि वायु में पीएम 2.5 का स्तर डब्ल्यूएचओ की वायु गुणवत्ता दिशा-निर्देश मूल्य से 10 गुणा से अधिक है. दिल्ली की वायु की गुणवत्ता एक दशक से अधिक समय से खराब है. रिपोर्ट में कहा गया है,
आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें
डिजिटल
गृहशोभा सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं
- गृहशोभा मैगजीन का सारा कंटेंट
- 2000+ फूड रेसिपीज
- 6000+ कहानियां
- 2000+ ब्यूटी, फैशन टिप्स
डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन
गृहशोभा सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं
- गृहशोभा मैगजीन का सारा कंटेंट
- 2000+ फूड रेसिपीज
- 6000+ कहानियां
- 2000+ ब्यूटी, फैशन टिप्स
- 24 प्रिंट मैगजीन