25वर्षीय नेहा को जब सुमित से प्रेम हुआ तो उस ने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि अपने को मौडर्न ऐजुकेटेड कहने वाली उस की मम्मी अनीता उस का जीना इस बात पर मुश्किल कर देंगी कि उस की कुंडली सुमित से नहीं मिल रही है तो वह यह विवाह करने की सोच भी नहीं सकती.

वह अपने जीवन के इस फैसले को लेने में किनकिन मानसिक परेशानियों से गुजरी है, उसी के शब्दों में जानिए, ‘‘यह तो अच्छा था कि सुमित का परिवार इस कुंडली के नाटक को नहीं मानता था, वह मुझे खुशीखुशी अपने घर की बहू बनाने के लिए तैयार थे, पापा भी तैयार थे, मेरा विवाह जब तक सुमित से नहीं हुआ, मम्मी रोज मुझे ताने मारती कि मैं एक नालायक बेटी हूं, उन की बात नहीं सुन रही हूं, मुझे शादी की इतनी जल्दी क्या है, मेरी शादी सुमित से हुई, मैं कहीं और करना ही नहीं चाहती थी, मुझे सुमित जैसा जीवनसाथी ही चाहिए था, मेरी शादी के दिन तक मम्मी ने मुझे ताने मारे हैं, हर कोशिश की कि यह शादी

न हो पाएं. मेरी शादी के पूरे टाइम सब से मम्मी ने मेरी बुराई की, मैं यह बात कभी नहीं भूलूंगी कि प्रेम विवाह करने के अपराध में मैं मायके से अपनी ही मां की शुभकामनाएं लिए बिना निकली.’’

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पम्मी ने जब अपने परिवार को बताया कि उसे एक ब्राह्मण फैमिली के बेटे अमन से प्यार हो गया है तो पम्मी और अमन दोनों के घर में कोहराम सा मच गया, सिख परिवार की नौनवेज खाने वाली लड़की ब्राह्मण फैमिली की बहू कैसे बन सकती थी, उधर पम्मी के पापा हार्ट पेशेंट थे, पम्मी की मम्मी ने उसे पापा की हैल्थ पर चार बातें सुना कर ऐसा चुप करवाया, पम्मी गिल्ट से भर उठी,

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