भारतीय जनता पार्टी की घोर अंधसमर्थक ऐक्ट्रैस कंगना रनौत को 48 घंटे भी जीते हुए नहीं हुए थे कि उस की कट्टरता की छवि पर एक बड़ा सा निशान लग गया. जो हुआ वह एकदम गलत ही नहीं थोड़ा डराने वाला भी था. कंगना रनौत चंडीगढ़ से दिल्ली आने के लिए एअरपोर्ट पर सिक्युरिटी से गुजर रही थी कि तभी एक महिला कौंस्टेबल ने उसे एक थप्पड़ जड़ दिया, बिना किसी वजह से.
कुछ ही मिनटों में पता चला कि थप्पड़ मारने वाली सैंट्रल सिक्युरिटी फोर्स की एक कौंस्टेबल कुलविंदर कौर है जिसे कंगना रनौत से एक पुराना पौलिसी मतभेद था. मतभेद यह था कि कंगना ने अपने अंधभक्ति के दिनों में कमैंट किया था कि मोदी सरकार द्वारा थोपे गए 3 फार्म कानूनों के विरोध में बैठे किसान तो भाड़े के हैं. कंगना ने लिखा था कि क्व100-100 दे कर औरतों को लाया गया है धरने पर. एक तरह से कंगना का कमैंट उन कानूनों का कानूनी ढंग से प्रोटैस्ट करने वालियों को पेशेवर औरतें मानता था. कुलविंदर कौर का मानना था कि उन में उस की मां भी थी. कुलविंदर ने अपने उस गुस्से को भीड़भाड़ में उस नई सांसद पर न केवल उतारा बल्कि उस ने खुलेआम ऐलान भी कर दिया कि थप्पड़ मारने का उसे कोई गिला नहीं है.
कंगना रनौत अनापशनाप बोलने में माहिर थी और कई बार बिना सोचेसमझे कुछ भी इंटरनैट पर लिखने से बुरी तरह ट्रोल भी हुई पर अंधभक्तों की एक बड़ी फौज उस के साथ रही. उस क्वीन को इसीलिए टिकट भी दिया गया होगा और वह जीत गई. यह भक्तों का करिश्मा है.