यह सच है कि महिलाएं पुरुषों से ज्यादा संवेदनशील होती हैं और उन में जो प्रकृतिप्रदत्त गुण होते हैं उन के कारण समाज, देश का वे ज्यादा भला कर सकती हैं. यह एक बार फिर सिद्ध हो गया.
भारत से हजारों किलोमीटर दूर मैक्सिको में एक महिला वैज्ञानिक ने यह सिद्ध कर दिया. पहले मेयर बनीं और फिर उन्होंने समाज में जो आमूलचूल परिवर्तन किए और बिना प्रचारप्रसार के अपनी योग्यता का प्रदर्शन करते हुए अपराधों पर अंकुश लगाया, युवाओं को रोजगार से जोड़ दिया इस से मिली शोहरत के कारण वह मैक्सिको की राष्ट्रपति बन गई है.
है न एक अजूबा और हमारे देश भारत के लिए प्रेरणादायक? एक महिला मेयर क्लाउडिया शीनबाम ने मैक्सिको के चुनावों में बड़ी जीत हासिल करते हुए इतिहास बना दिया. इस तरह पहली दफा क्लाउडिया शीनबाम मैक्सिको की पहली महिला राष्ट्रपति बन गई हैं. मजे की बात है कि पुरुष प्रतिद्वंद्वी को पीछे छोड़ कर 61 वर्षीय शीनबाम ने मैक्सिको के लोकतंत्र के इतिहास में सब से अधिक वोटों से जीतने का कीर्तिमान भी बनाया है. उन्हें 82 फीसद मतों की गिनती के बाद कुल 58.8 फीसद वोट मिले.
अनुशासित महिला
शीनबाम पहलेपहल मैक्सिको सिटी की प्रथम नागरिक अर्थात मेयर बनीं. वे एक अनुशासित महिला हैं. परिणामस्वरूप शीनबान ने शांत भाव के साथ काम करना शुरू कर दिया और देखते ही देखते एक ऐसा परिवर्तन ला कर दिखा दिया कि लोग उन के मुरीद बन गए और बिना टीवी और समाचारपत्रों की सुर्खियों के उन्होंने लोगों के दिलों में जगह बनाई और जब मैक्सिको के राष्ट्रपति चुनाव का समय आया तो सैकड़ों लोगों ने उन के पक्ष में माहौल बनाना शुरू कर दिया और आखिरकार राष्ट्रपति बन गईं.
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