अगर आप जीवन में कुछ करने का मन बना लेते हैं, तो काम कितना भी कठिन हो आप उसे कर ही लेते हैं खासकर महिलाएं, जो जीवन के हर क्षेत्र में खुद को सिद्ध कर सकती हैं, उन्हें जरूरत होती है थोड़े सहयोग और आजादी की इस का ताजा उदाहरण हैं मुंबई की थिएटर प्रोड्यूसर और ‘जौय कला मंच’ की फाउंडर जौय भोंसले, जिन का मराठी नाटक ‘कलतनकलत’ बहुत चर्चित रहा है. इस के करीब 175 शो पूरे महाराष्ट्र में हो चुके हैं.
यह नाटक उन बच्चों के लिए समर्पित है, जो मानसिक रूप से अस्वस्थ होते हैं और लोग उन्हें अलग नजरिए से देखते हैं. अगर ऐसे बच्चों को सही प्रशिक्षण दे कर आत्मनिर्भर बनाया जाए, तो वे भी दूसरे बच्चों की ही तरह हर काम कर सकते हैं. जौय की शुरू से ही कुछ अलग काम करने की इच्छा थी. हालांकि वे ईसाई हैं, पर उन्होंने मराठी फिल्म और थिएटर ऐक्टर नागेश भोंसले से लव मैरिज की, जिस से उन के क्रिएटिव काम को और अधिक बल मिला.
आज भी पति का सहयोग उन के हर काम में होता है. परिणामस्वरूप आज वे एक सफल पत्नी, मां, थिएटर आर्टिस्ट, समाजसेविका और प्रोड्यूसर हैं. कैसे उन्होंने मंजिल पाई, आइए उन्हीं से जानते हैं:
प्रोड्यूसर बनने की प्रेरणा कहां से मिली और काम के साथसाथ बच्चों की देखभाल कैसे करती हैं?
मैं गुजराती थिएटर में ऐक्टिंग कर रही थी. मेरे पति नागेश मराठी आर्टिस्ट हैं. फिल्मों के अलावा उन्होंने थिएटर भी किए हैं. वे अच्छे क्रिटिक भी हैं. हर बात की चर्चा हम साथ मिल कर करते हैं. इस से प्रेरणा तो मिली ही, साथ ही निर्माता बनने का अवसर भी. मैं एक एनजीओ ‘जौय कला मंच’ चलाती हूं, जिस में मानसिक रूप से कमजोर बच्चों को आत्मनिर्भर बनाया जाता है. अधिकतर लोग मानसिक रूप से अस्वस्थ लोगों को अजीब नजरों से देखते हैं, जो मुझे अच्छा नहीं लगता था, क्योंकि यह बात मुझ से जुड़ी हुई है. मेरे एक भाई को मुंबई के बांद्रा इलाके में लड़की को छेड़खानी कर रहे मनचले युवकों से बचाते हुए सिर में चोट लग गई थी, जिस से वह ‘साइको पैथ’ बन गया. एक सामान्य बालक अपाहिज हो गया.