फिल्मों से राजनीति में आईं कंगना का विवादों से पुराना नाता रहा है। बङबोलापन और अकङ की वजह से उन की अकसर खिंचाई होती रही है। ताजा मामला एक थप्पड़ को ले कर है। बात गंभीर है मगर सिक्के का दूसरा पहलू भी कम दिलचस्प नहीं…

जब 2 महिलाएं आपस में लड़ती हैं तो क्या होता है? एकदूसरे को अपशब्द कहे जाते हैं, बाल नोंचे जाते हैं, कभीकभी तो थप्पड़ भी मारे जाते हैं. यही हुआ पिछले दिनों चंडीगढ़ एअरपोर्ट पर.

हिमाचल प्रदेश के मंडी से चुनाव जीतने के बाद कंगना रनौत अपने अलग ही तेवर में हैं. अब वे मंडी से एमपी बन गई हैं. यही कारण है कि उन के तेवर सातवें आसमान पर है. लेकिन उन के इस बढ़े हुए तेवर को चंडीगढ़ एअरपोर्ट पर तैनात सीआईएसएफ की जवान कुलविंदर कौर ने एक जोरदार थप्पड़ मार कर उतार दिया. थप्पड़ भी ऐसा जो उन के चेहरे पर निशान दे गया और गूंज ऐसी कि पूरा देश उन के गाल पर पड़े थप्पड़ की ही बात कर रहा है.

विवाद और थप्पङ

बता दें कि सारा विवाद कंगना के द्वारा किए गए ट्विट की वजह से है. दरअसल, किसान आंदोलन के दौरान कंगना ने ऐक्स पर ट्विट करते हुए लिखा था, “हां हां, ये वही दादी हैं जिन्हें टाइम मैगजीन की 100 सब से प्रभावशाली व्यक्तियों की लिस्ट में शामिल किया गया था और ये ₹100 में उपलब्ध हैं.”

हालांकि कंगना ने बाद में इस ट्विट को डिलीट कर दिया.

कंगना को थप्पड़ जड़ने के बाद कुलविंदर कौर ने कहा, ” इस ने (कंगान रनौत) बोला था किसान आंदोलन में ₹100-100 में महिलाएं बैठती थीं. वहां मेरी मां भी थीं.”

विवादों से पुराना नाता

गौरतलब है कि हाल ही में संपन्न हुए चुनाव अभियान के दौरान कंगना ने अपने एक भाषण के दौरान कहा था कि अगर कोई मंडी की लड़कियों के हाथों का थप्पड़ खा लेगा तो सब्जियों के दाम पूछना भूल जाएगा. लेकिन उन्होंने यह नहीं बोला कि क्या होगा जब मंडी की एमपी को थप्पड़ पड़ेगा? क्या उन्हें सब्जी के दाम याद रहेंगे या फिर वे मंडी आना ही भूल जाएंगी?

कहने का मतलब यह है कि राजनीति हो या फिर घर हर जगह जबान की लड़ाई कब हाथापाई पर उतर आए कहा नहीं जा सकता. कंगना के मामले में भी यही था और हमारे आसपास भी यही सब है.

मैट्रो सीटीज में ऐसे कई उदाहरण देखने को मिलते हैं जिन में महिलाएं सीट, जगह और कमैंट पास करने पर आपस में भिड़ जाती हैं.

अभी हाल ही में दिल्ली मैट्रो की ब्लू लाइन में सीट को ले कर 2 लड़कियां आपस में भिड गईं. देखते ही देखते बड़बोलेपन से मामला हाथापाई तक जा पहुंचा. एक ब्लू चैक शर्ट पहने लड़की ने पिंक टौप पहने लड़की को थप्पड़ जड़ दिया. बस, फिर क्या था चालू हो गया घमासन युद्ध और देखते ही देखते दोनों तरफ से थप्पड़ों की बारिश होने लगी.

कोई पहला मामला नहीं

ऐसा नहीं है कि महिलाओं की लड़ाई का यह कोई पहला मामला है. मैट्रो लड़ाई हैशटैग का इस्तेमाल करने पर हजारों वीडियो आप की फोन स्क्रीन पर आ जाएगी जिन्हें देख कर आप यह कह सकते हैं कि 2 लड़ाकू किस्म की महिलाओं को एकसाथ देखना खतरनाक है.

यहां कहने का मतलब यह कि जब 2 तेजतर्रार महिलाएं आपस में लड़ती हैं तो वे सिर्फ बातों की लड़ाई करें, ऐसा तो हो ही नहीं सकता।

क्या है घरों का हाल

महिलाओं का यह व्यवहार अकसर घरों में भी देखने को मिलता है, जहां संयुक्त परिवार होने पर कभीकभी देवरानीजेठानी काम और छोटीछोटी बातों को ले कर आपस में लड़ पड़ती हैं. कई बार तो ये झगङे सिर्फ देवरानी के तेज आवाज में बात करने पर ही हो जाती है और फिर जेठानी या सास उसे तेज आवाज में बात करने का जवाब थप्पड़ जड़ कर करती है. ऐसा कर के वह अपना ईगो सैटिसफाई करने के साथसाथ वर्चस्व भी कायम करती है.

एक बात तो तय है कि कंगना को लगे थप्पड़ ने यह बात तो साबित कर दी कि ज्यादा बड़बोलापन और अकड़ रखना भी सही नहीं होता क्योंकि जब आप को आप के जैसा इनसान मिलेगा तो मामला टक्कर का होगा और सकता है कि वह आप की अकड़ अपने जोरदार तमाचे के जरीए बाहर निकाल दे और आप बस उस का मुंह ताकते रह जाएं.

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