Home Loan : खुद का घर होना हर व्यक्ति का सपना होता है. मगर इस महंगाई के दौर में घर खरीदना मुश्किल है. ऐसे में होम लोन हमारे इस सपने को साकार करता है. अगर आप घर खरीदने की प्लानिंग कर रहे हैं और उस के लिए होम लोन लेने की सोच रहे हैं तो आप को कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना आवश्यक है.

होम लोन लेना आज की तारीख में बड़ी बात नहीं क्योंकि कई प्राइवेट और सरकारी बैंकों से अपने बजट के अनुसार होम लोन लिया जा सकता है. मगर इसे लेते समय यह चैक करना चाहिए कि आप के पास घर की डाउनपेमैंट करने के लिए कैश हो. पूरी तरह से होम लोन पर डिपैंड होने पर यह आप को कर्ज की ओर धकेल सकता है. बाहर से आप जितना अधिक कैश घर खरीदने में दे सकते है, उतना ही लोन कम लेना पड़ता है और ईएमआई का भार भी कम पड़ता है.

कमाई के अनुसार लें होम लोन

कुछ लोग अपने वेतन का खयाल किए बिना बड़ा घर खरीद लेते हैं. इस से उन पर कर्ज का भार अधिक हो जाता है. अत: कमाई के अनुसार होम लोन लें ताकि उस की ईएमआई आप आसानी से भर सकें, साथ ही घर की डैकोरेशन भी अपने बजट के अनुसार करें.

इस बारे में मुंबई के स्टेट बैंक औफ इंडिया के सेल्स औफिसर दिनेश गुप्ता बताते हैं कि होम लोन लेने के लिए व्यक्ति का क्रैडिट स्कोर अच्छा होना चाहिए. कोई भी बैंक या वित्तीय संस्था लोन तब देती है जब आप का कै्रडिट स्कोर अच्छा होता है. अगर आप का क्रैडिट स्कोर अच्छा नहीं होता है तो आप को लोन मिलने में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. क्रैडिट स्कोर 700 से अधिक होने पर आम ब्याज दर से कम ब्याज दर पर लोन मिलता है.

क्रैडिट स्कोर है क्या

क्रैडिट स्कोर को सिविल स्कोर भी कहा जाता है. यह किसी व्यक्ति की वित्तीय साख को दर्शाता है यानी वह लोन लेने के लिए कितना उचित है. इस में अगर व्यक्ति ने पहले किसी प्रकार का पर्सनल या व्हीकल लोन लिया हो और उस ने इसे बिना देरी किण् समय से चुकाया हो, साथ ही क्रैडिट कार्ड हो, जिस की कोई रकम बकाया न हो तो उस व्यक्ति का क्रैडिट स्कोर अच्छा होता है, जिसे बैंक लोन देने से पहले कैलकुलेट करता है.

होम लोन के प्रकार

द्य फ्लोटिंग होम लोन में ब्याज की दर रिजर्व बैंक औफ इंडिया से तय की गई ब्याज दर से जुड़ी होती है. इस में अगर कोई बदलाव होता है तो ब्याज दर भी उसी अनुपात में बदल जाती है. फिक्स्ड रेट होम लोन अभी बंद है क्योंकि इसे अधिकतर ग्राहक पसंद नहीं करते.

कौंबिनेशन लोन में लोन का एक हिस्सा फिक्स्ड ब्याज दर पर और बाकी का हिस्सा एडजस्टेबल या फ्लोटिंग ब्याज दर पर मिलता है.

इस के अलावा रिजर्ब बैंक द्वारा दिए गए रैपो रेट के आधार पर किसी भी बैंक की ब्याज दर निश्चित होती है, इस में घटने पर ब्याज घटाया और बढ़ाया जाता है. सरकारी बैंकों में ब्याज दर के घटने पर औटोमैटिक घटाया जाता है, जबकि प्राइवेट बैंकों में ब्याज दर घटाने के लिए कुछ पैसे देने पड़ते हैं.

प्रोसैसिंग फीस

हर बैंक की प्रोसैसिंग फीस अलगअलग होती है. प्रोसैसिंग फीस के साथसाथ लीगल फीस और वैल्यूएशन फीस भी देनी पड़ती है. इस की रकम की जानकारी पहले से ले लेनी चाहिए. बैंक से अप्रूव्ड घर के लिए लीगल और वैल्यूएशन फीस नहीं देनी पड़ती.

जरूरी दस्तावेजों की जानकारी

लोन लेने से पहले कम से कम 10त्न कैश डाउनपेमैंट के लिए तैयार रखें ताकि आप का काम जल्दी हो सकें. अगर आप का घर एक करोड़ या इस से अधिक अमाउंट का है तो  25त्न मनी आप के पास होने की जरूरत है, बाकी आप को बैंक से लोन मिल जाएगा. इसके अलावा डौक्यूमैंट्स की जानकारी पहले से ही कर लेनी चाहिए, कुछ जरूरी डौक्यूमैंट्स निम्न हैं:

वेतनभोगी के लिए जरूरी कागजात

3 महीने की सैलरी स्लिप .

पिछले 2 सालों की फौर्म 16 (पार्ट ए ऐंड बी).

अपौइंटमैंट लैटर.

कंपनी की इंप्लोई आई कार्ड.

पिछले 6 महीनों की बैंक अकाउंट स्टेटमैंट

अगर आप ने कंपनी में 2 साल से कम काम किया है तो पिछली जौब का रिलीविंग लैटर.

पासपोर्ट साइज फोटो.

स्वरोजगार के लिए जरूरी दस्तावेज

स्वरोजगार आवेदकों को अपनी आय के स्रोत को प्रमाणित करने वाले कुछ अतिरिक्त डौक्यूमैंट्स उपलब्ध कराने होते हैं:

व्यावसायिक पते का प्रमाण.

पिछले 3 साल की आई टी रिटर्न.

पिछले 3 साल की औडिट किए हुई बैलेंस शीट, लाभ और हानि विवरण, चार्टर्ड अकाउंटैंट द्वारा विधिवत औडिट किया हुआ.

उन के व्यवसाय लाइसैंस या पेशेवर प्रैक्टिस (डाक्टरों, वकीलों आदि के लिए) के कागजात, जिस में इलैक्ट्रिसिटी बिल, जीएसटी रजिस्ट्रेशन आदि.

दुकानों, कारखानों, क्लीनिकों, कार्यालयों आदि प्रतिष्ठानों के लिए पंजीकरण प्रमाणन की प्रतियां.

व्यवसाय का खाता विवरण और प्रोफैशनल प्रैक्टिस का सर्टिफिकेट.

पासपोर्ट साइज फोटो.

एनआरआई के लिए जरूरी डौक्यूमैंट्स

वीजा कौपी के साथ पासपोर्ट.

अपौइंटमैंट लैटर.

वैलिड ओवरसीज रैजिडैंट पू्रफ.

6 महीनों की बैंक अकाउंट स्टेटमैंट.

3 महीनों की सैलरी स्लिप.

2 साल तक ओवरसीज इनकम टैक्स फाइल किए हुए दस्तावेज.

ओवरसीज क्रैडिट रिपोर्ट.

बैंक के फौर्मेट में पावर औफ अटौर्नी

पासपोर्ट साइज फोटो.

प्रौपर्टी से जुड़े आवश्यक दस्तावेज

लोन देने से पहले बैंक प्रौपर्टी से जुड़े

सभी डौक्यूमैंट्स की जांच करता है ताकि प्रौपर्टी सही हो और ग्राहक को किसी प्रकार की समस्या न हो.

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