टैलीविजन जगत की सर्वाधिक सफल धारावाहिक बनाने वाली प्रोड्यूसर रश्मि शर्मा ने 2006 में ‘रश्मि शर्मा टैलीफिल्म्स’ की स्थापना की थी. तब से ले कर आज तक उन्होंने पीछे मुड़ कर नहीं देखा. उन्हें पता होता है कि कौन सी कहानी धारावाहिक के माध्यम से कैसे लोगों को पसंद आएगी. यही वजह है कि उन के कई धारावाहिकों ने 1 हजार ऐपिसोड पूरे किए. रश्मि शर्मा मध्यवर्गीय परिवार से हैं. उन के पिताजी केंद्रीय विद्यालय में प्रिंसिपल थे. उन का जन्म स्थान जयपुर है. पिता की जौब ट्रांसफर वाली थी, इसलिए उन्हें कई छोटेबड़े शहरों में पढ़ाई करनी पड़ी. 7वीं कक्षा के बाद उन की सारी पढ़ाई मुंबई में हुई. रश्मि के परिवार में उन के अलावा उन के मातापिता और एक भाई है.

रश्मि कहती हैं कि वे खाली नहीं बैठ सकतीं. हमेशा कुछ न कुछ करते रहना पसंद है. खाली वक्त मिलता है तो किताबें पढ़ना और घूमना पसंद है. इस के अलावा शौपिंग का भी बहुत शौक है. दुबई, अमेरिका घूमना ज्यादा पसंद करती हैं. केयरिंग और इमोशनल हैं. छोटीछोटी बातें भी उन के लिए काफी माने रखती हैं. वे साधारण जीवन में विश्वास रखती हैं.

क्रिएटिव काम करना था

रश्मि को बचपन से ही कुछ क्रिएटिव करने का शौक था. ऐसे में जब उन्हें एक मीडिया कंपनी में काम करने का अवसर मिला तो उन की राह आसान हो गई. उन्हें पता चला कि उन्हें क्या बनना है. उन्होंने निर्देशन का काम किया. क्रिएटिव हैड बन कर कई बड़ेबड़े प्रोडक्शन हाउस के शो टीवी पर लाईं, जिन में ‘सात फेरे’, ‘विदाई’, ‘बेटियां’, ‘रब्बा इश्क न होवे’, ‘पिया का घर’ आदि धारावाहिक शामिल थे. अब तक वे तय कर चुकी थीं कि उन्हें अपने लिए कुछ करना है.

पति से मिली प्रेरणा

उद्यमी बनने के पीछे किस की प्रेरणा थी. इस पर रश्मि शर्मा कहती हैं, ‘‘हम दूसरों के लिए काम कर रहे थे. पैसे के अलावा बाकी सब काम मैं कर रही थी. कहानी शुरू होने से ले कर टीवी तक पहुंचने तक की पूरी जर्नी करनी पड़ती थी. उसी दौरान मेरी मुलाकात धारावाहिक निर्देशक पवन कुमार मारूत से हुई. हम दोनों के विचार एक थे. अत: हम ने खुद प्रोड्यूस करने की सोची. मेरे पति पवन ने काफी सहयोग दिया. 2006 में हमारी कंपनी ‘रश्मि शर्मा टैलीफिल्म्स’ शुरू हो गई.’’ ‘रश्मि शर्मा टैलीफिल्म्स’ का पहली धारावाहिक ‘राजा की आएगी बारात’ स्टार प्लस पर प्रसारित हुआ. इस के बाद ‘साथ निभाना साथिया’, पलकों की छांव में, ‘ससुराल सिमर का’ आदि कई धारावाहिक आए. ‘ससुराल सिमर का’, ‘स्वरागिनी’, ‘तुम ऐसे ही रहना’, ‘भाग्यलक्ष्मी’ और ‘साथ निभाना साथिया’ धारावाहिक आजकल प्रसारित हो रहे हैं.

रश्मि कहती हैं कि हर किसी की काम करने की कुछ सीमाएं होती हैं उस से आगे वह नहीं बढ़ सकता. किसी उत्पाद के मालिक आप तब तक नहीं बन सकते जब तक कि आप ने उस का खुद निर्माण न किया हो. क्रिएटिव क्षेत्र में हर कोई सौ प्रतिशत मेहनत करता है.

अच्छेबुरे पल

जीवन के अच्छे और बुरे पल कब थे, इस पर वे कहती हैं, ‘‘मेरे जीवन का सब से अच्छा पल वह था जब मेरी पवन के साथ शादी हुई. उस के बाद पवन के सपोर्ट के चलते मेरे जीवन में आज तक सबकुछ अच्छा ही हुआ.’’ रश्मि शर्मा महिलाओं को संदेश देते हुए कहती हैं, ‘‘आज की महिलाओं को चाहिए कि वे बेसिक शिक्षा जरूर पूरी करें. किसी प्रोफैशन के लालच में पढ़ाई न छोड़ें. अगर पढ़ाई पूरी हो तो किसी भी समय आप किसी भी क्षेत्र में जा सकती हैं और सफल हो सकती हैं. ‘‘बात शादी से पहले की हो या बाद की अपने लिए जरूर कुछ न कुछ करें. अपनी आत्मनिर्भरता बढ़ाएं. अगर महिलाएं वित्तीय सहयोग किसी रूप में परिवार को देती हैं तो पति भी चकित रह जाते हैं.’’

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