हर औरत के लिए डर एक सब से बड़ा प्रश्न होता है. वह हर समय डरी रहती है क्योंकि समाज ने उसे पंगु और दूसरों पर निर्भर बना दिया है और कब उस का संरक्षक, कब उस की चारदीवारी, कब उस की आय का स्रोत और कब वे, जिन्हें वह प्यार करती है और जिन्हें अपनी मेहनत और अपने खून से पालापोसा बड़ा किया, हाथ से फिसल जाएं, न रहें या सब कुछ स्वाह न हो जाए, यह डर बना रहता है. यह डर पुरुष को भी होता है पर चूंकि उसे समाज विश्वास दिलाता है कि यह सब तुम ने बनाया है, तुम इसे दोबारा बना सकते हो, उस का डर उस पर हावी नहीं होता.
फिल्म अभिनेत्री काजोल, जिस का विवाह अजय देवगन से हुआ है, का कहना है कि वह इस डर से उबरने के लिए पढ़ती है और बेहद पढ़ती है जिस से न सिर्फ उस का आत्मविश्वास बढ़ता है, वह डर का सामना करना भी सीखती है. यह सही है. ज्ञान ही हर डर का सही मुकाबला है. अगर आप जानती हैं कि आने वाली बाढ़ से बचने के लिए ऊंची पहाड़ी पर अपना सामान ले कर चले जाना है और आप को मालूम है कि आप के साथ क्या हो सकता है, तो आप डर का मुकाबला कर सकती हैं. यदि घर में रात को चोर आ जाए और आप को मालूम है कि चोर किस तरह की रोशनी, शोर से डरता है तो आप उस का इंतजाम पहले कर सकती हैं, डर पर काबू पा सकती हैं.
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