जब किसी लड़की को लगता है कि कोई लड़का या आदमी उस का लगातार पीछा कर रहा है, तो उस में एक गहरी दहशत छा जाती है. पहले तो यह संयोग लगता है पर जब पता चल जाए कि पीछा करने वाला घंटों सड़क पर इंतजार करता है, घर के सामने जमा रहता है, तो यह डर लाजिम ही है. इस से न सिर्फ लड़की के दिनरात खराब होते हैं वह पलपल सहमी भी रहती है.
अब सरकार ने एक नया कानून बना कर पीछा करने को भी गंभीर अपराधों की श्रेणी में डाल दिया है. पहले पीछा करना पर नुकसान न पहुंचाना कोई अपराध नहीं था. मगर 2013 में बने कानून में इंडियन पीनल कोड की धारा 354डी के अंतर्गत पीछा करने वाले को 3 साल तक की सजा हो सकती है भले उस पीछा करने वाले ने कोई नुकसान न पहुंचाया हो.
पर यह कानून बनाना एक बात है और इस का इस्तेमाल करवाना दूसरी. आमतौर पर घर वाले इस कदर डर जाते हैं कि वे पुलिस तक जाने की हिम्मत भी नहीं कर पाते. जो यदाकदा पीछा करते हैं वे तो माह 2 माह में अपना रास्ता बदल लेते हैं, पर जो जनून के शिकार हो जाते हैं वे गैंग बना लेते हैं और स्वभाव से अपराधी किस्म के होते हैं, उन से निबटना आसान नहीं होता.
पुलिस में शिकायत करो तो शुरू में पुलिस कानून के बावजूद कोई विशेष ध्यान नहीं देती. अगर पुलिस पीछा करने वाले को पकड़ कर धमका भी दे तो भी बात नहीं बनती. ऐसे में पीछा करने वाला जगह बदल लेता है. घर की जगह दफ्तर, बाजार, रिश्तेदार या फिर किसी के यहां भी पहुंच जाता है.