हिंदूमुसलिम, हिंदूमुसलिम करतेकरते हिंदूसिख, हिंदूसिख होना ही था. जो पत्नी अपने पति को भाइयों की संपत्ति को हड़पने को उकसाएगी उस के भाईबहन उसी की संपत्ति हड़पने की प्लानिंग कर रहे हों तो गलत नहीं होगा. जब आप बेमतलब के झगड़ों के लिए कीकर के बीज बोएंगे तो कीकर का जंगल ही उगेगा, उस में से आम नहीं निकलेंगे.

आज भारत में औरतें अपने पिता की संपत्ति में से हक के लिए जब लड़ती हैं तो उन्हें यह याद रखना होगा कि उन की ननदें भी ऐसा करेंगी. या तो समस्या को प्यार और दुलार से न्यायोचित ढंग से सुलझा लो वरना एक जगह लगी आग की चिनगारियां दूसरी की साड़ी पर भी छेद करेंगी.

भारत के हिंदू कट्टरवादियों ने दिल खोल कर खुशी जाहिर की आखिर मुसलमानों, दलितों, शूद्रों को सबक सिखाने वाली सरकार मंदिर के नाम पर झूठों का सहारा ले कर बन ही गई और शायद पुरानी पौराणिक परंपरा फिर आ जाएगी जिस में नीची जातियां सेवा के लिए तैयार रहेंगी. इन कट्टरवादियों की औरतों ने साथ दिया पर ये औरतें भूल गईं कि इस का असर होगा कि उन्हें घरों में बिना तालों के बंद कर दिया जाएगा. इन के टेलैंट का इस्तेमाल सिर्फ तंबोला खेलने में बरबाद कर दिया जाएगा.

ये भूल गईं कि हिंदूमुसलिम से शुरू हुई आग अन्य धर्मों तक तो पहुंचेगी ही और कनाडा में बसे लाखों सिख जो मजदूरी करने गए थे पर अब सैकड़ों एकड़ जमीन के मालिक हैं, अपनी खालिस्तान की बेहूदा मांग को उसी तरह खड़ा करेंगे जैसे हर तार्किक को भारत में पाकिस्तानी उग्रवादी, नक्सली, देशद्रोही कह दिया जाता है.

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