चारों तरफ साफसुथरा, चमचमाती कारें, सुंदर वातावरण, पेङपौधों से भरी सड़कें, बड़ीबड़ी शीशे की खिड़की वाले बिल्डिंग्स का शहर पोर्टलेंड जो ओरेगान में स्थित है, इस की खूबसूरती देखते ही बनती है.

इस शहर में होमलेस यानि बेघरों की संख्या बहुत अधिक है. जहां कहीं भी आप जाते है, ऐसे बेघर लोग देखने को मिल जाते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि अमेरिका में बेघर लोग कैसे रहते हैं? क्या वे भारत की तरह ही सड़क किनारे, स्टेशन, प्लेटफौर्म या सबवे के किनारे गंदी हालात में सोते रहते हैं? भारत में ऐसे लोगों की संख्या काफी ज्यादा है, जिन के पास रहने को घर नहीं है और वे बेघर हैं.

वैसे यह स्थिति अमेरिका में भी है और अमेरिका में भी बेघर लोग हैं, जिन के पास रहने को घर नहीं है. मगर क्या आप जानते हैं कि अमेरिका में जिन लोगों के पास घर नहीं है, वे लोग कहां रहते हैं? क्या वहां उन के लिए कोई अलग व्यवस्था की जाती है या फिर वे ऐसे ही भारत की तरह यहांवहां गंदगी में रहते हैं?

तो फिर जानिए कि अमेरिका में बेघर लोगों की संख्या क्यों बढ़ रही है और ये कैसे रहते हैं :

अमेरिका में होमलेस की शुरुआत

1640 के दशक में अमेरिकी उपनिवेशों में बेघर होने के शुरुआती मामले दर्ज किए गए. वर्ष 1670 के दशक में न्यू इंगलैंड में 'किंग फिलिप्स वार' के दौरान
अंगरेजी उपनिवेशवादी और मूल निवासी बेघर हो गए, जो यहां बसने वाले अंगरेजों को बाहर निकालने के लिए स्वदेशी लोगों द्वारा किया गया अंतिम बड़ा प्रयास था.

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