चीन और कोरोना दोनों अगले कुछ सालों में देश की अर्थव्यवस्था को चकनाचूर कर देंगे. हर घर को इस की पूरी तैयारी करनी होगी. कोरोना की वजह से बारबार लौकडाउन तो लगेगा ही, लोग खुद ही डर के मारे काम पर नहीं जाएंगे और जाएंगे तो उन्हें कोविड-19 का भय रहेगा.
चीन की वजह से देश का सारा पैसा अब हिमालय के पत्थरों पर लगेगा जहां सड़कें बनेंगी, हवाईअड्डे बनेंगे, बैरक बनेंगे, खाने का सामान मुहैया कराया जाएगा.
दोनों ही उद्योगों और व्यापारों को बुरी तरह चोट मारेंगे और उस की सजा घरों को मिलेगी. अब पहले से अच्छा घर, पहले से अच्छी नौकरी, पहले से अच्छा ड्राइंगरूम, पहले से अच्छा वाहन, पहले से अच्छी सैर के सपने भूल जाएं. जैसे पैट्रोल और डीजल के दाम बढ़े हैं, हर चीज के बढ़ेंगे.
मांग भी कम होगी तो सप्लाई भी कम होगी. सब से बड़ी बात है कि हर घर को काफी पैसा बीमारी या बेकारी के लिए रखना होगा और इस का मतलब है कि सभी खर्चों में बेहद कमी. वैसे भी गनीमत है कि अब दिखावे की जरूरत नहीं है, क्योंकि अब न तो शादियों में जाना है, न पार्टी में, न रेस्तरां या सिनेमाहौल में. अब तो घर से निकलना ही कम हो जाएगा.
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पर इस का मतलब है कि हजारों धंधे बंद हो जाएंगे. फिल्म उद्योग पुरानी तरह का नहीं होगा. रेस्तरां, सिनेमा, मौल अब सालों तक पुराने रंग में नहीं आएंगे और जब तक सब ठीक होगा तब तक उन के रंग पुरानी हवेलियों की तरह उड़ चुके होंगे. घरों के मनोरंजन या कहिए काम की ऊब निकालने के तरीके पहले कोरोना ने बंद किए, अब चीनी ड्रैगन बंद कर रहा है.
दोनों जिस तरह से फैले हैं, उस से पहले जैसे अर्थव्यवस्था को चौपट किया गया है, उस से साफ है कि अंधेर नगरी चौपट राजा वाला युग चल रहा है. दिक्कत यह है कि दूसरे बहुत से देशों में यही हो रहा है.
अमेरिका सब से बड़ा उदाहरण है. यहां के खप्ती राजा डोनाल्ड ट्रंप भी अपने अलग कानून लिख रहे हैं. टर्की के सुलतान रिसेप तैइप इदोगान भी इसी तर्ज पर हैं, जिन्होंने इस्तांबूल की छठी शताब्दी की इमारत सोफिया को संग्रहालय से मसजिद बना कर मसजिद को तोड़ कर मंदिर बनाने जैसा काम किया है.
इस सब का दोषी जनता भी है, आप भी हैं. यथा राजा तथा राज्य. ए पीपल डिजर्व द किंग व्हाट दे आर. लोग जैसे होते हैं वैसा ही शासक मिलता है. जो लोग व्हाट्सऐपों, फेसबुकों, फौरवर्ड किए ज्ञान पर जिंदा रहते हैं उन से और क्या उम्मीद की जा सकती है. चीन, कोरोना, जीएसटी, नोटबंदी हमारी अपनी देन है. इसे ऐंजौय करें. तालियांथालियां बजाएं. सब दुख ऐसे ही दूर हो जाएंगे जैसे मंदिरमसजिद में जाने से दूर हो जाते हैं.