“तुम चली जाओ हैदराबाद....पर मुझे लगता है कि वह महिमा नहीं हो सकती. मिसेज खन्ना को गलतफहमी हुई होगी.” एअरपोर्ट पर अपनी पत्नी निशा को कार से उतारते हुए शिशिर बोला.

“काश ! उन्हें गलतफ़हमी ही हुई हो.....मेरा भी कलेजा कांप गया था यह सुनकर. अब तो सच सामने आ ही जायेगा.” निशा शिशिर को ‘बाय’ बोल एअरपोर्ट के भीतर चली गयी.

अपनी बेटी महिमा के एक लड़के के साथ लिव-इन में रहने की बात सुन दोनों के पैरों तले जमीन खिसक गयी थी. निशा के कानों में रह-रह कर मिसेज खन्ना के शब्द गूंज रहे थे. “महिमा को आप हौस्टल में छोड़ देंती तो अच्छा था. यूं किसी लड़के के साथ रहना ठीक नहीं....कल को कोई ऊंच-नीच हो गयी तो....लड़के का क्या?....इज्ज़त तो लड़की की ही चली जायेगी न!”

कल शिशिर को यह सब बताते हुए रो पड़ी थी निशा. महिमा समझदार होने के साथ-साथ प्रतिभाशाली भी थी. दो वर्ष पूर्व इफ्लू में इंग्लिश औनर्स करने हैदराबाद गयी थी. हौस्टल में निशा ही छोड़कर आयी थी उसे. और आज....!

शिशिर ने तो कल उसे साफ-साफ कह दिया था कि यदि वह लडकी सच में महिमा ही हुई तो उसे वापिस बुलाना पड़ेगा, वरना समाज में उनकी नाक कट जायेगी.

मिसेज खन्ना के बताये पते पर जब निशा पहुंची तो उसका डर सच का रूप लिए खड़ा था. भारत नाम के अपने सीनियर के साथ एक कमरे के फ़्लैट में रह रही थी महिमा. निशा को देखते ही वह आश्चर्यचकित हो उससे लिपट गयी.

निशा उसे बाजार ले जाने के बहाने अपने साथ बाहर ले गयी.

“महिमा....ये क्या किया तुमने....हौस्टल छोड़कर भारत के साथ?” निशा ने बाहर निकलते ही पूछा.

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