आज मन बेहद व्यथित था. उसकी हालत देखी नहीं जाती. इकलौती बेटी नेहा के लिए मन में अरमान संजों कर रखे थे. इंटर पास करने के आगे की पढ़ाई के लिए हम सभी बैंगलोर शिफ्ट हो गए. एक ही शहर में ४० किलोमीटर की दूरी ट्रैफिक के कारण कॉलेज के पास ही हॉस्टल में रखना पड़ा. बाद में वहीं नौकरी और रहना, कभी उससे मिलने का मन हो तो वही घर आ जाती थी. आने के लिए और दोस्तों के लिए कुछ पूछो तो कहती आपको क्या करना. मुझ पर विश्वास नहीं है?
दोस्तों का साथ और नए जमाने की हवा जहां लिव इन रिलेशन को मान्यता प्राप्त है. आजकल बच्चों के सिर चढ़कर बोलने लगी. इंटरनेट के जमाने में खुला मौहोल सेक्स प्रति नार्मल सोच जिसे आजकल शरीर की जरुरत भर समझा जाने लगा. लिव इन के बढ़ते प्रभाव का असर उस पर भी दिखा जब एक दिन उसे किसी के साथ होटल में देखा. मन में टीस उठी कि मैंने क्या संस्कार दिए, कहां कमी रह गयी.
जब उससे बात करना चाही तो उसने कहा मां पुराने जमाने की बातें मत करो. यहां कॉलेज से ही सभी जोड़े में रहते थे. यहां ऐसा ही ट्रेंड है. पुनीत अच्छा लड़का है. मुझे पसंद भी है और उसकी सोच भी मेरी तरह ही है. समय बदल गया है आपके जमाने में यह सब होता था.
हम दोनों समय की इस मार को झेल न सके. मन मारकर परिस्थति से समझौता कर लिया. समाज में लोगों की बात की परवाह किये बिना उससे कहा यदि साथ रहना है तो शादी करो, हमें स्वीकार है.
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