आरती और अरुण ने अपनी इकलौती बेटी आरोही को लेकर बहुत सपने पाल रखे थे. सोचा था उन्होंने कि अहमदाबाद इंडियन इंस्टीच्यूट औफ मैंनेजमेंट की पढ़ाई पूरी होते ही वे आरोही की शादी अपने एक दोस्त के बेटे, जो की अमेरिका से मेडिकल की डिग्री ले कर लौटा था, उससे कर देंगे और यही बात वह अपनी बेटी को बता कर सरप्राइज देना चाहते थे, पर वे खुद ही सरप्राइज हो गए, जब उन्हें पता चला कि आरोही एक लड़के के साथ लिव-इन में रह रही है और उन से झूठ बोलती रही कि वह अपनी एक सहेली के साथ रहती है.
सच्चाई पता लगने पर हर मातापिता की तरह अरुण और आरती ने भी नाराजगी जताई, तो वह कहने लगी कि ऐसा उसने कौन सा गुनाह कर दिया जो उसे इतना सुनाया जा रहा है और अब तो ऐसा सभी करते हैं. उसकी कई सहेलियां भी अपने बॉयफ्रेंड कर साथ लिव-इन में रह रही है, तो क्या हो गया जो वह भी ऐसा कर रही है तो?
बेटी की दलीलों पर अरुण और आरती भड़क उठे. बोले कि या तो वह लड़का उसकी जिंदगी में रहेगा या उसके माता पिता. लेकिन आरोही ने भी साफ साफ शब्दों में बोल दिया कि चाहे जो हो जाए, वह अपने बॉयफ्रेंड के साथ ही रहेगी.
बेटी के बदलते व्यवहार को देख, आरती और अरुण शॉक थे! उन्हें लगा जिस बेटी के लिए उन्होंने क्या-क्या नहीं किया, वही बेटी आज उन्हें आंखें दिखा रही है. एक लड़के के लिए अपने मातापिता तक को छोड़ने के लिए तैयार है?