विवाह अब युवकों के लिए भी गले की फांस बनता जा रहा है. अब तक समझ जाता था कि विवाह से लड़की किसी दूसरे घर की सेवा करने वाली नौकरानी बन कर रह जाती है पर अब विवाह कानूनों में औरतों के पक्ष में कानून बनने की वजह से विवाह युवकों के लिए खौफ बन रहे हैं.
अब लड़कियों को यह मालूम है कि उन की नए या थोड़े पुराने हो चुके पति से नहीं बनी तो उन के पास पति का घर छोड़ने का ही औप्शन नहीं है, उस की जिंदगी दूभर करने का भी है. डोमैस्टिक वायलैंस का केस कर के उसे जेल भिजवाना भी उस के हाथ में है और मैंटेनैंस में मोटी रकम मांग कर उसे वर्षों परेशान करने का भी है.
धनबाद की एक लड़की का विवाह 2018 में हुआ. पति से नहीं बनी तो वह फिर मांबाप के पास आ कर रहने लगी. वह कमाऊ थी, अपने पैरों पर खड़ी थी पर उस ने फैमिली कोर्ट में पति पर मैंटेनैंस का मुकदमा कर दिया और कहा कि पति की आय सवा लाख रुपए है.
पति को फैमिली कोर्ट ने हर माह क्व40 हजार देने को कहा. पति हाई कोर्ट गया. हाई कोर्ट के जज ने कहा कि पतियों के साथ अब कुछ गलत हो रहा है और शादी उन के लिए बोझ नहीं बननी चाहिए. जहां पति चाहता था कि उसे कोई मैंटेनैंस न देनी पड़े, हाई कोर्ट ने पति के प्रति सिंपैथी जताते हुए बस उसे 15 हजार रुपये की राहत दी और मैंटेनैंस 40 हजार रुपये से घटा कर 25 हजार रुपये कर दी.
पतिपत्नी का जब तलाक होने लगे या दोनों इस तरह अलग रह रहे हों कि उन्हें तलाकशुदा मान लिया जाए तो लड़कियों को पूर्व पति से नाता तोड़ लेना चाहिए. केवल उन मामलों में मैंटेनैंस मांगी जानी चाहिए जहां बच्चे हों या पत्नी बेरोजगार हो अथवा पत्नी के मांबाप गरीब हों.
जो कहते हैं कि शादी को संस्कार मानो वे भूल जाते हैं कि इस संस्कार में तो पति को कई पत्नियां लाने का हक भी था और पत्नी को घर से निकालने का हक भी. राजा राम तक ने बिना अपने मुंह से बोले गर्भवती सीता को घर से निकाल दिया था. भीम अपनी पत्नी हिडिंबा को जंगल में ही छोड़ आया था.
विवाह संस्कार है तो औरतों की बेडि़यों के रूप में. आज जो औरतें पतियों को छोड़ना नहीं चाहतीं उस के पीछे भी भावना यही रहती है कि किसी तरह पति से संबंध न टूटे और मैंटेनैंस के मुकदमे इसीलिए किए जाते हैं कि पति का बिल्ला पत्नी के माथे पर लगा रहे. समाज तलाकशुदा और विधवा को आज भी छुट्टी गाय की तरह देखता है और वह पगपग पर बुरी नजर महसूस करती है. इसीलिए खुद कमाने वाली पत्नी पति का घर छोड़ने के बाद भी अदालतों के चक्कर लगाती रहती है ताकि समाज को कह सके कि वह है तो विवाहित पर पति से बस विवाद है.