होमप्रैन्योर अचीवर अवार्ड

अदिति गुप्ता एक ऐसा नाम है जिस ने लीक से हट कर समाज की सोच बदलने का जज्बा दिखाया और इस के लिए हर संभव कोशिश की. अहमदाबाद के ‘नैशनल इंस्टिट्यूट औफ डिजाइन’ की पूर्व छात्रा अदिति गुप्ता पिछले 12 वर्षों से मैंस्ट्रुअल ऐजुकेटर की भूमिका निभा रही हैं. उन्होंने मैंस्ट्रुपीडिया की सहस्थापना की. बचपन में पीरियड्स से जुड़े स्टिग्मा का सामना करने के बाद उन्होंने इसी फील्ड में कुछ करने की ठानी. उन्हें एहसास था कि इस विषय पर बातचीत करते समय लोग काफी असहज महसूस करते हैं.

पीरियड्स को ले कर लोगों के बीच काफी अंधविश्वास है और इस वजह से लड़कियों को काफी कुछ सहना पड़ता है. इसलिए अदिति ने मैंस्ट्रुपीडिया के माध्यम से मासिकधर्म से जुड़े मिथकों और वर्जनाओं के बारे में लोगों को शिक्षित करने का फैसला लिया. मैंस्ट्रुपीडिया एक ऐसी पहल है जो मासिकधर्म को कलंकमुक्त करने के लिए कौमिक पुस्तकों और संबंधित मीडिया का उपयोग करती है.

मैंस्ट्रुपीडिया की स्थापना

गढ़वा,  झारखंड में जन्मी अदिति गुप्ता अपने समाज में मासिकधर्म को ले कर व्यापक कलंक और गलत धारणाओं को देखते हुए बड़ी हुईं. एक प्राकृतिक जैविक प्रक्रिया के प्रति संकीर्ण सोच और वर्जनाओं के खिलाफ उन्होंने जंग लड़ने और लोगों को जागरूक करने का फैसला लिया और इसी क्रम में 2012 में अदिति गुप्ता और उन के पति तुहिन पौल ने मैंस्ट्रुपीडिया की सहस्थापना की. अदिति का विजन मासिकधर्म के बारे में बातचीत को सामान्य बनाना, कलंक को कम करना और लड़कियों और महिलाओं को ज्ञान के साथ सशक्त बनाना है.

अदिति को मासिकधर्म पर खुल कर चर्चा करते समय सामाजिक प्रतिरोध और संदेह का सामना करना पड़ा खासकर रूढि़वादी समुदायों में. मैंस्ट्रुपीडिया के जरीए बच्चों, मातापिताओं और शिक्षकों को संवेदनशील तरीके से मासिकधर्म के बारे में शिक्षित करने के लिए कौमिक पुस्तकों, कार्यशालाओं और डिजिटल सामग्री का उपयोग शुरू किया. मैंस्ट्रुपीडिया कौमिक अब भारत और दुनियाभर के 20+ देशों के स्कूलों और घरों में एक विश्वसनीय साथी के रूप में पहुंच रही है.

मासिकधर्म से जुड़ी शिक्षा 13 हजार से अधिक स्कूलों तक पहुंच चुकी है और मैंस्ट्रुपीडिया कौमिक्स और कार्यशालाओं के माध्यम से 1.5 मिलियन से अधिक लड़कियों को प्रभावित कर रही है.

सफलता की कहानी

अदिति फोर्ब्स इंडिया 30 अंडर 30 अचीवर हैं. उन्हें 2015 में बीबीसी की 100 सब से प्रभावशाली महिलाओं में से एक नामित किया गया था और वे शार्क टैंक इंडिया विजेता संस्थापक हैं. उन्हें 7 देशों में मासिकधर्म स्वास्थ्य और जागरूकता के क्षेत्र में अपने काम के मौडल को सा झा करने के लिए आमंत्रित किया गया है. उन्होंने थौमसन राइटर्स फाउंडेशन ट्रस्ट महिला सम्मेलन लंदन में ब्रेकिंग टैबू पैनल पर भी बात की. बिजनैस टुडे ने समाज में बदलाव लाने के लिए काम करने के लिए उन्हें बीटी के सब से शक्तिशाली महिला प्रभाव पुरस्कारों से सम्मानित किया.

गृहशोभा इंस्पायर अवार्ड

प्रेरणादायी और अचीवर महिलाओं के काम को सम्मानित करने के लिए इस 20 मार्च को दिल्ली के त्रावणकोर पैलेस में अवार्ड समारोह का आयोजन हुआ जिस में अदिति गुप्ता को होमप्रैन्योर अचीवर (गृहशोभा इंस्पायर अवार्ड) से नवाजा गया. इस अवार्ड को पा कर अदिति के चेहरे पर जो मुसकान थी वह उन की सफलता की कहानी कह रही थी.

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