‘चंद्रयान-2’ अभियान पर सारी दुनिया के साथ भारत के जन-जन की निगाह थी. हर भारतीय बड़ी आशा और बेसब्री के साथ आज की खुशियों की बाट जोह रहा था. दुनिया की निगाह में हमारा अभियान असफल हो सकता है मगर हर भारतीय जानता है और मानता है कि हमारा चंद्रयान अभियान भले ही 100% सफल ना हुआ हो मगर 90 प्रतिशत तो हम सफल रहे हैं. आइए देखते हैं चंद्रयान अभियान में हम कहां कहां सफल हुए और कहां चूक हो गई.
2.1 किलोमीटर पहले थम गया सफर...
यहां उल्लेखनीय है कि भारत के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट चंद्रयान-2 का सफर अपनी मंजिल से महज 2.1 किलोमीटर पहले थम गया. चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम का चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग से मात्र 2.1 किलोमीटर की दूरी से पहले कंट्रोल रूम से संपर्क टूट गया. मगर ये मिशन पूर्णता फेल नहीं हुआ है. 978 करोड़ रुपए के लागत वाले चंद्रयान-2 मिशन का सब कुछ समाप्त नहीं हुआ है. उन्होंने बताया कि लैंडर विक्रम का संपर्क टूटने से मिशन का सिर्फ 5 फीसदी का नुकसान हुआ है. अतः विश्लेषण करें तो हम पाते हैं 90 प्रतिशत ‘चंद्रयान 2’ अभियान फलीभूत हुआ है.
One step away from history, a moment that was always meant to be! ??
A nation waits with bated breath as @isro prepares for the satellite landing of #Chandrayaan2.
The Lander is scheduled to powered descent followed by touch down on the ? between 0130-0230 hrs IST on Sept 7th. pic.twitter.com/mv670knDaH— ALL INDIA RADIO (@AkashvaniAIR) September 6, 2019
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