योगी सरकार ने जब से उत्तर प्रदेश में सत्ता की बागड़ोर संभाली तब से निरंतर महिलाओं और बेटियों के उत्थान पर काम कर रही है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेश की महिलाओं और बेटियों की सुरक्षा, सेहत, शिक्षा और उनको आत्मनिर्भर यूपी की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए प्रतिबद्ध है. सरकार ने मिशन शक्ति जैसे वृहद अभियान की शुरूआत कर उनके कदमों को विकास पथ पर बढ़ाने का कार्य किया है. राज्य सरकार महिलाओं की सुरक्षा, सम्मारन और सशक्तिकरण के लिए संकल्पित है. जिसके तहत “मिशन शक्ति” के सकारात्मक परिणाम देखने को मिले हैं. ऐसे में मिशन शक्ति के पहले व दूसरे चरण की सफलता के बाद जल्दा ही प्रदेश में फिर से मिशन शक्ति के नए चरण की शुरूआत होने जा रही है.
ग्रामीण और शहरी क्षेत्र की जरूरतमंद महिलाओं और बेटियों के लिए कई स्वर्णिम योजनाओं को प्रदेश में लागू किया जिसके कारण कोरोना की दूसरी लहर के बावजूद सीएम योगी की यह स्वर्णिम योजनाएं प्रदेश की महिलाओं बेटियों के लिए ढाल बनी हैं. ऐसे में मिशन शक्ति अभियान नवीन ऊर्जा के साथ एक बार फिर से प्रदेश में शुरू होने जा रहा है जिससे महिलाओं व बेटियों को संबल मिलेगा. सीएम ने बैठक में आदेश दिए की स्वास्थ्य, शिक्षा, ग्राम्य विकास पंचायती राज, गृह, महिला एवं बाल विकास विभाग परस्पर समन्वय के साथ मिशन शक्ति के अगले चरण की विस्तृत कार्ययोजना तैयार करें. इसके साथ ही उन्होंेने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि महिलाओं व बेटियों से जुड़े आपराधिक घटनाओं पर संवेदनशीलता के साथ त्वरित कार्रवाई की जाए.
योजनाओं के जरिए महिलाओं को दिखाई स्वावलंबन की राह
महिला स्वयं सहायता समूह, बीसी सखी जैसी योजनाओं ने महिलाओं को स्वावलंबन की राह दिखाई है. मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना, और मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह जैसी योजना ने बालिकाओं और उनके अभिभावकों को बड़ा संबल दिया है. ऐसे में प्रदेश में मिशन शक्ति के पहले और दूसरे चरण की सफलता के बाद सीएम योगी आदित्य नाथ ने संबधित विभाग और अधिकारियों को मिशन शक्ति अभियान को नवीन ऊर्जा के साथ नई दिशा देने के निर्देश दिए हैं.
कोरोना काल में भी योगी सरकार की योजनाओं से आधी आबादी को मिला प्रोत्साोहन
कोरोना काल खंड के बावजूद भी कन्या सुमंगला योजना, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, पति की मृत्यु उपरान्त निराश्रित महिला पेंशन योजना,181 महिला हेल्प डेस्क, वन स्टॉप सेंटर,महिला शक्ति केंद्र और रानी लक्ष्मी बाई महिला सम्मान कोष जैसी सीएम की लाभकारी योजनाओं से कई नए लाभार्थी जुड़े हैं. महिलाओं के चौमुखी विकास के लिए उनकी सुरक्षा, शिक्षा, स्वा.वलंबन, सम्माेन, सेहत को केन्द्रित करते हुए योगी सरकार की योजनाओं से प्रदेश की आधी आबादी को प्रोत्साहन मिल रहा है. कोरोना काल में ‘पति की मृत्यु उपरान्त निराश्रित महिला पेंशन योजना’ के तहत 1.85 लाख नए लाभार्थी जुड़े हैं. पति की मृत्योिपरांत निराश्रित महिला पेंशन योजना के तहत 27.95 लाख लाभार्थियों को लाभान्वित किया जा चुका है. प्रदेश में कन्या सुमंगला योजना एक अप्रैल 2019 से लागू हुई. तब से आज तक प्रदेश में इस योजना के तहत 7.58 लाख लाभार्थियों को लाभान्वित किया जा चुका है. बता दें कि मार्च 2021 तक यह आंकड़ा 7.14 लाख था पर महज तीन महीनों में इस योजना से लगभग 44 हजार नए लाभार्थियों को जोड़ उन तक योजना का लाभ पहुंचाया जा रहा है.
12.76 लाख महिलाओं और बेटियों को योजनाओं का लाभ
प्रदेश के 64 जनपदों में महिला शक्ति केंद्रों का संचालन किया जा रहा है. साल 2020-2021 में कुल 37,406 गतिविधियों के जरिए 18.46 लाख महिलाओं और बेटियों को जागरूक किया गया. इसके साथ ही कोरोना काल के बावजूद महिला शक्ति केंद्रों के जरिए प्रदेश की 12.76 लाख महिलाओं और बेटियों को सीएम की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं से जोड़ा गया है.
योजनाओं के जरिए महिलाओं को दिखाई स्वावलंबन की राह
महिला स्वयं सहायता समूह, बीसी सखी जैसी योजनाओं ने महिलाओं को स्वावलंबन की राह दिखाई है. मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना, और मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह जैसी योजना ने बालिकाओं और उनके अभिभावकों को बड़ा संबल दिया है. ऐसे में प्रदेश में मिशन शक्ति के पहले और दूसरे चरण की सफलता के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने संबधित विभाग और अधिकारियों को मिशन शक्ति अभियान को नवीन ऊर्जा के साथ नई दिशा देने के निर्देश दिए हैं.
कोरोना काल में भी योगी सरकार की योजनाओं से आधी आबादी को मिला प्रोत्साहन
कोरोना काल खंड के बावजूद भी कन्या सुमंगला योजना, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, पति की मृत्यु उपरान्त निराश्रित महिला पेंशन योजना,181 महिला हेल्प डेस्क, वन स्टॉप सेंटर,महिला शक्ति केंद्र और रानी लक्ष्मी बाई महिला सम्मान कोष जैसी सीएम की लाभकारी योजनाओं से कई नए लाभार्थी जुड़े हैं. महिलाओं के चौमुखी विकास के लिए उनकी सुरक्षा, शिक्षा, स्वावलंबन, सम्मान, सेहत को केन्द्रित करते हुए योगी सरकार की योजनाओं से प्रदेश की आधी आबादी को प्रोत्साहन मिल रहा है. कोरोना काल में ‘पति की मृत्यु उपरान्त निराश्रित महिला पेंशन योजना’ के तहत 1.85 लाख नए लाभार्थी जुड़े हैं. पति की मृत्योपरांत निराश्रित महिला पेंशन योजना के तहत 27.95 लाख लाभार्थियों को लाभान्वित किया जा चुका है. प्रदेश में कन्या सुमंगला योजना एक अप्रैल 2019 से लागू हुई. तब से आज तक प्रदेश में इस योजना के तहत 7.58 लाख लाभार्थियों को लाभान्वित किया जा चुका है. बता दें कि मार्च 2021 तक यह आंकड़ा 7.14 लाख था पर महज तीन महीनों में इस योजना से लगभग 44 हजार नए लाभार्थियों को जोड़ उन तक योजना का लाभ पहुंचाया जा रहा है.
12.76 लाख महिलाओं और बेटियों को योजनाओं का लाभ
प्रदेश के 64 जनपदों में महिला शक्ति केंद्रों का संचालन किया जा रहा है. साल 2020-2021 में कुल 37,406 गतिविधियों के जरिए 18.46 लाख महिलाओं और बेटियों को जागरूक किया गया. इसके साथ ही कोरोना काल के बावजूद महिला शक्ति केंद्रों के जरिए प्रदेश की 12.76 लाख महिलाओं और बेटियों को सीएम की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं से जोड़ा गया है.