दिल्ली के समाचारपत्रों में 14 जून को प्रकाशित 3 समाचार आपस में जुड़े हैं. पहला समाचार यह था कि एशिया समेत विश्व की जनसंख्या घट रही है और प्रति महिला बच्चों का औसत 2.1 फीसदी से घट कर 1.8 फीसदी हो जाएगा. इस का मतलब है कि अगले कई दशकों तक बच्चे कम होंगे पर चूंकि लोग ज्यादा दिन जिंदा रहेंगे, इसलिए बिना देखभाल वाले वृद्ध बढ़ते जाएंगे.

दूसरा समाचार था कि 90 वर्ष का एक वृद्ध और 80 वर्ष की उस की बहन अपने बंद मकान में मरे पाए गए. वे शायद अत्यधिक गरमी के कारण मरे थे. उन का वर्षों से पड़ोसियों से संबंध टूट गया था और उन से मिलनेजुलने कोई नहीं आता था.

तीसरा समाचार यह था कि 70 वर्ष के एक व्यक्ति ने अपनी 35 वर्षीया 6 माह पुरानी पत्नी की ईंट से सिर फोड़ कर हत्या कर दी और फिर खुद गले में फंदा लगा कर आत्महत्या कर ली.

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ये तीनों ही समाचार भविष्य की एक भयावह स्थिति की ओर इशारा कर रहे हैं. अब शहरों में मकान खाली होने लगेंगे और जो बूढ़े और गरीब हैं वे इन खाली होते मकानों में अकेले पड़े रहेंगे. कितनों के आसपास कोई पड़ोसी ही न होगा. मल्टीस्टोरी बिल्डिंगों में रहने वालों को और अधिक कठिनाइयां होंगी, क्योंकि पुराने मकान जर्जर होने लगेंगे और वृद्ध रखरखाव का पैसा भी न दे पाएंगे.

इन मकानों के बिजली के कनैक्शन काट दिए जाएंगे, दरवाजों पर टैक्स वसूली के नोटिस लगे होंगे, लिफ्टें नहीं चलेंगी, पानी के पंप खराब हो जाएंगे. इन वृद्धों को इलाज की सुविधा भी नहीं मिलेगी. बेटेपोते होंगे भी तो अपने में मस्त और किसी दूसरे देश या शहर में.

जो लोग देश की समस्याओं की जड़ में जनसंख्या को लेते थे उन के लिए दुखद बात है कि जनसंख्या कम होना विकट सामाजिक आर्थिक समस्या पैदा करेगी. सामाजिक इसलिए कि वृद्धों की देखभाल कौन करेगा और आर्थिक इसलिए कि जब काम करने वाले न होंगे तो देश की अर्थव्यवस्था कैसे चलेगी? टैक्स कौन देगा? वृद्धों की देखभाल न होने का एक कारण घटते युवा और बढ़ते वृद्ध हैं.

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घरों में वृद्ध और बढ़ेंगे और एक युवा को नानानानी और दादादादी दोनों को संभालना होगा. हो सकता है उस के मातापिता भी वृद्ध हो चलें. यदि उस की शादी भी ऐसे ही साथी से हो तो एक घर में 4 जोड़े नानानानी की उम्र के और 2 जोड़े मातापिता की उम्र के हो सकते हैं. अगर वे साथ न भी रहें तो भी जिम्मेदारी इस युवा जोड़े की होगी. इसे 12 प्रौढ़ों और वृद्धों की देखभाल करनी होगी. प्रकृति से हम ने जो खिलवाड़ किया है और जीनेमरने पर जो कंट्रोल किया है वह भारी पड़ने वाला है.

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