कहने को तो आजकल मोबाइल पर सारी दुनिया के तथ्य है और इस से कुछ भी खरीदा जा सकता है, कुछ भी बेचा जा सकता है और बैठेबिठाए कुछ भी सेवा ली जा सकती है, पर मोबाइल बेइमानी और आप की निजी ङ्क्षजदगी का पर्दाफाश करने का सब से बड़ा जरिया बन रहा है, जो भी आप के मोबाइल पर है, जो लिख रहे हैं, जो कह रहे हैं, जो पिक्चर ले रहे हैं, जो देख रहे हैं सब की सब दुनिया के हर उस जने को मालूम हो सकती है जो आप को लूटना चाहता है.

औरतों के लिए यह ब्लैक मोल, झगड़े, तूतूमैंमैं, गोपनीय बातों के खुलने का सब से बड़ा जरिया बन गया है. आमतौर पर पता नहीं चलता क्योंकि एक आम आदमी या औरत में किसी की रूचि नहीं होती पर अगर वक्त पडऩे पर आप ने क्या कहा था खोजना था तो आसान है. आप का मोबाइल अब हर समय औन रहता है, रात को कितना सोए क्या साथी को कहा यह सब किसीकिसी तरह रिकार्ड हो सकता है.

मोबाइल को हथियार बना कर आजकल सस्ता कर्ज दे फुसलाने का धंधा चल पड़ा है. दिल्ली पुलिस ने 3000 करोड़ की लूट पकड़ी है. आप आप का कौंटैक्ट किसी दुकान, हलवाई, उबर एप, स्वीगी एप, मेडिकल एप से ले कर आप को निशाना बना कर 5000 से 5 लाख तक का कर्ज दिया जाने का प्रलोभन दे सकते हैं. शिकार के फोन वालों, क्रेडिट कार्डों की गतिविधियों से भाप कर आज कम्प्यूटर उन लोगों को छांट सकते हैं जो पैसा चाह रहे हैं, उन्हें फोन कर के लच्छेदार बातों से लोग औफर किया जाता है. एक एप में जानकारी दें, पैन कार्ड, बैंक अकाउंड नंबर दें, ओटीपी लिखें, परमीशनें दे और पैसा मिल गया. कोई कागज नहीं, कोई चक्कर नहीं पर यह फंसना है.

इस के बाद शुरू होती है उगाई. 50 हजार के लोन पर इंट्रस्ट जोडज़ोड़ पर 4-5 लाख तक मांगे जाने लगते हैं. कर्ज लेने वाले के सारे रिश्तेदारों और संपर्कों के कौटैक्ट इन का एप ले चुका होता है इसलिए पब्लिक को जलील करना शुरू कर दिया जाता है.  हार कर कर्ज लेने वाले को फैसला करना पड़ता है, सब औनलाइन, रोज बदलते मोबाइल नंबरों के जरिए जो रातदिन कभी भी खडक़ उठ सकते हैं.

कोलकाता की एक टीचर को वाइस चांसलर ने नौकरी से निकलवा दिया क्योंकि उस के इंस्टाग्राम पर स्वीमिंग सूट में कुछ तस्वीरें थीं. 21 साल की युवती का स्वीमिंग सूट पहनना कोई बड़ी बात नहीं है पर चूंकि यह गोपनीय रहना जगजाहिर हो गया तो ऐसा लगने लगा कि मानो उस टीचर ने गुनाह कर लिया.

किसी भी जाने अनजाने के साथ कहीं भी खींची गई एक सैल्फी आज आफत बन सकती है, 4 दिन बाद या 4 साल बाद.

आज गलीगली में लगे कैमरे चोरों से तो शायद नागरिकों को बचा रहे हों पर एक आम नागरिक को हर समय ऐसे रख रहे हो मानो हैडमास्टर सिर पर सवार हो. किस घर के आपसी झगड़े का क्लिप सामने वाले यार के कैमरे में कैद हो जाए और फिर जगजाहिर हो जाए कह नहीं सकते. व्हाट्सएप, टिï्वटर, इंस्टाग्राम या पौर्न साइटों तक यह निजी मामले पूरी दुनिया में फैलाए जा सकते हैं.

अपने को सुरक्षित चाहते हो तो स्मार्ट फोन, सब से सस्ता केवल बात करने वाला फोन लें. इस से कठिनाई होगी, बहुत जानकारी सुलभ नहीं होगी पर आप की जिंदगी आप की मुट्ठी में होगी, चीन, अमेरिका में बंद सर्वरों में नहीं.

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