कोरोना की वैश्विक महामारी में भाजपा की डबल ईंजन सरकार हर जरूरतमंद और गरीब के साथ खड़ी है. केंद्र सरकार की ओर से 15 करोड़ लोगों को 11 महीने और राज्य सरकार की ओर से पांच महीने राशन फ्री दिया गया है. अब तक केंद्र और राज्य सरकार की ओर से करीब 10 करोड़ कुंतल राशन लोगों को फ्री दिया गया है. यह सिलसिला अभी नवंबर तक और चलने वाला है. ई-पॉस मशीनों से राशन वितरण कराने के कारण राज्य सरकार को इस साल मई तक करीब 3263 करोड़ से अधिक की सब्सिडी की बचत हुई है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना की पहली और दूसरी लहर में गरीबों और जरूरतमंदों को लेकर निर्देश दिया था कि एक भी जरूरतममंद राशन से वंचित न रहे. राशन कार्ड न हो, तो तत्काल बनाएं. प्रदेश में कोई भी भूखा नहीं रहना चाहिए. केंद्र सरकार की ओर से ‘‘प्रधानमंत्री गरीब अन्न कल्याण योजना’’ के तहत नवम्बर तक और राज्य सरकार की ओर से अगस्त तक मुफ्त राशन दिया जा रहा है. 25 करोड़ की आबादी वाले राज्य यूपी के 14.81 करोड़ लाभार्थियों को हर माह निशुल्क राशन दिया जा रहा है. फिलहाल, केंद्र सरकार की ओर से पिछले साल अप्रैल, मई, जून, जुलाई, अगस्त, सितंबर, अक्तूबर, नवंबर और इस साल मई, जून और जुलाई तक करीब नौ करोड़ 99 लाख 97 हजार 815 कुंतल निशुल्क राशन दिया गया है. कोरोना काल में राज्य में किसी को राशन के लिए परेशान न होना पड़े, इसलिए राज्य सरकार की ओर से भी पिछले साल अप्रैल, मई, जून और इस साल जून, जुलाई में 23 लाख 60 हजार 402 कुंतल राशन निशुल्क दिया गया है.
43,572 कार्डधारकों ने दूसरे राज्यों और दूसरे राज्यों के 6616 कार्डधारकों ने प्रदेश में लिया राशन
प्रदेश के सभी नगरीय और ग्रामीण क्षेत्रों में अन्तः जनपदीय राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी लागू है. साथ ही पिछले साल पांच फरवरी से प्रदेश में स्टेट लेवेल पोर्टेबिलिटी सुविधा लागू है. वन नेशन, वन राशन कार्ड योजना के तहत प्रदेश में नेशनल पोर्टेबिलिटी की सुविधा पिछले साल जून से लागू है, जिसके तहत प्रदेश के 43,572 कार्डधारकों द्वारा अन्य राज्यों से और अन्य राज्यों के 6616 कार्डधारकों द्वारा उत्तर प्रदेश में राशन लिया गया है.
8137 से अधिक असहाय लोगों को उनके घर पर ही पहुंचाया गया राशन
केंद्र और प्रदेश सरकार की ओर से 16 महीने तक प्रति यूनिट पांच किलो राशन दिया गया है, यानि एक व्यक्ति को 80 किलो राशन अभी तक दिया जा चुका गया है. इसके अलावा खाद्य एवं रसद विभाग की ओर से प्रदेश के 8137 से अधिक असहाय लोगों को उनके घर पर ही राशन दिया गया है.