जानवर छलावा देने की कला में इतने माहिर होते हैं कि अच्छेअच्छे उन के सामने अनाड़ी साबित हो जाएं. नकल करने के ये उस्ताद आभास, गंध, ध्वनि, व्यवहार (उदाहरण के तौर पर साधारण रैड स्नेक खतरे की स्थिति में अपना रंग बदल कर जहरीले कोरल स्नेक की तरह दिखने लगता है), छद्मावरण, मृत या घायल होने का बहाना, खतरनाक मुद्रा में आना, मौखिक या सुनियोजित तरीके से छलना इत्यादि तरीके तब आजमाते हैं जब उन को खाने की जरूरत हो, जान बचानी हो या फिर अपने दुश्मन पर जीत हासिल करनी हो. कभीकभी तो इस कला के चलते साधारण जंतु भी खतरनाक व विषैले दिखने लगते हैं.
कुछ जानवर अपने हावभाव को इस तरह बदल लेते हैं कि उन का शिकार खुदबखुद उन की तरफ लालच से आकर्षित हो जाए. पेरैंट बर्ड शिकारी को अपने बच्चों से दूर रखने के लिए ऐसा दिखावा करती है जैसेकि उस का पर टूट गया हो और वह असहाय पड़ी हो. उस की इस चाल से शिकारी उस के बच्चों के बजाय उस की तरफ आकर्षित हो जाता है.
कुछ पतंगे चमगादड़ों को चकमा देने का अनूठा और प्रभावशाली तरीका अपनाते हैं. जब पतंगों को शिकारी चमगादड़ों के आने का आभास होता है, तो वे टाइगर पतंगे की तरह खटखट की आवाज लगातार करना शुरू कर देते हैं. चमगादड़ों को लगता है कि यहां स्वादिष्ठ पतंगों के बजाय अरुचिकर टाइगर पतंगे हैं और वे वापस चले जाते हैं.
छलिया जंतु और भी
सैंट्रल अफ्रीका के 2 सिरों वाले सांप की पूंछ उस के सिर जैसी दिखती है और उस का सिर पूंछ की तरह दिखता है. यह सांप अपनी पूंछ को इस तरह घुमा सकता है जैसेकि दूसरे सांप अपना सिर घुमाते हैं. इस सांप की यह खूबी इस के शिकार को संशय में डाल देती है और वह समझ नहीं पाता कि उस पर हमला आखिर हो किस तरफ से रहा है.