कुछ समय पहले मैं ने पशु अधिकारों के लिए लड़ने वाले ऐसे लोगों के बारे में लिखा था, जो चुनाव जीत कर डच संसद में भी पहुंचे थे. जानवरों के अधिकारों के लिए लड़ने वाली दुनिया की यह पहली राजनीतिक पार्टी थी, जो संसद में जगह बना पाई. यह पार्टी 2006 में पहली बार संसद पहुंची थी और अब 150 सीटों वाली डच संसद में इस की 2 सीटें हैं. इस की 1 सीट डच सीनेट में व 9 सीटें 8 प्रांतीय सरकारों में हैं. इस पार्टी की चेयरपर्सन मैरिएन थीम हैं.

इन लोगों ने एक और अभूतपूर्व सफलता हासिल कर ली है, जिस से मुझे ईर्ष्या भी होती है और हो सकता है कि मैं रो भी दूं. डच सरकार ने 500 पुलिस अफसरों की स्पैशल फोर्स तैयार करने का फैसला किया है, जो जानवरों की सुरक्षा और उन के अधिकारों के लिए हर पल तत्पर रहेगी.

यह आइडिया दरअसल टीवी चैनल ‘ऐनिमल प्लानेट’ के एक शो ‘ऐनिमल कौप्स’ से आया था. यह शो अमेरिका के अलगअलग शहरों के उन लोगों के बारे में विस्तार से बताता है, जो जानवरों की देखरेख में लगे रहते हैं.

और बन गई बात

देखते ही देखते कुछ ही समय में जानवरों के अधिकारों की रक्षा करने वाली राजनीतिक पार्टी आश्चर्यजनक रूप से शक्तिशाली बन गई और वह भी एक ऐसे देश में जहां का मुख्य भोजन ही मांस और अन्य दूध से बनने वाले उत्पाद हैं. इन लोगों ने जानवरों की रक्षा का जो सुझाव दिया वह गीर्ट विल्डर्स की पार्टी ‘पार्टी फौर फ्रीडम’ (पीवीवी) के द्वारा अमल में लाया गया. गीर्ट यूरोप के जानेमाने मुखर स्वभाव के नेता हैं और पीवीसी के अध्यक्ष भी.

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