सिर्फ सांसदों और विधायकों के बेटों के पास बीएमडब्ल्यू जैसी महंगी गाडि़यां होना और चमचमाती लड़कियां साथ में होना यह साबित कर रहा है कि आज के चुने नेता अब राजाओं, जागीरदारों की तरह के हो गए हैं.
दिल्ली के हयात रिजैंसी होटल में हुए झगड़े में बहुजन समाज पार्टी के पूर्व सांसद राजेश पांडेय के बेटे आशीष पांडेय ने रिवाल्वर निकाल कर पूर्व एमएलए के बेटे गौरव सिन्हा को मारपीट की धमकी दे डाली और उन दोनों के साथ आईं चमचमाती लड़कियों ने जो वीडियो सोशल मीडिया पर डाला इस से साफ है कि ये नेताओं के बेटे खुद को कानून मानते हैं.
हर जगह इस तरह के कांड होते रहते हैं, जहां चुने हुए नेताओं के बच्चे अपने पिता या मां के कमाए पैसों को उड़ाते नजर आते ही हैं, आम लोगों के लिए खतरा भी बन जाते हैं.
देश की गरीब जनता इन लोगों को यह सोच कर चुनती है कि वे उन के हितों की लड़ाई लड़ेंगे और उन्हें परेशानियों से निकालेंगे पर सत्ता का नशा इन पर इस तरह चढ़ जाता है कि जहां होते हैं वहां दंगा करने लगते हैं.
नेताओं और उन के बेटों का हवाई अड्डों, रेस्तराओं, टोल टैक्स बूथों पर हंगामा अब अकसर देखने को मिलता है. वे अपनी धौंस जमाने से बाज नहीं आते जबकि कहने को सिर्फ जनप्रतिनिधि है, जनता के मालिक नहीं.
राजनीति में पुलिस का साथ मिलता है और जब थानेदार व पुलिसमैन एमएलए, एमपी को सलाम करने लगते हैं तो बच्चों के दिमाग आसमान पर चढ़ जाते हैं. चुने नेता को तो खैर ऊंचनीच का लिहाज होता है पर अकसर बच्चे इस शासन और सचाई को समझ नहीं पाते कि राजनीतिक सत्ता का इस्तेमाल कैसे करें.