नई सरकार एकएक कर के पिछली सरकारों के लगाए धंधों और व्यवसायों पर से जाले हटाने में लगी है. आजकल हर रोज एक नया फैसला आ जाता है, जो देश को सरकारी नौकरों से छुटकारा दिलाता है और काम करने में एक नई छूट दे रहा है. कोयला खानों के ठेकों में जो घपले किए गए थे और जिन पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त फैसला लेते हुए जिन्हें 1993 से ही रद्द कर दिया था, उन्हें दोबारा लेने के इच्छुक लोगों के लिए तुरंत फैसले ले लिए गए हैं और इंटरनैट पर बोली की स्कीम जारी कर दी गई है ताकि भेदभाव न के बराबर रहे.

डीजल को सरकारी नियंत्रण से मुक्त कर दिया गया है और उस की कालाबाजारी का मौका समाप्त कर दिया गया है. विश्व बाजार में तेल के दाम घटने के कारण डीजल के दाम घटने लगे हैं. तेल के कुंओं में कम लोगों की दिलचस्पी होती है, फिर भी यह बताना जरूरी है कि उस पर से भी लालफीताशाही हटा दी गई है. धंधों और व्यवसायों को चलाने वालों को इंस्पैक्टर राज से छुटकारा दिलाने वाली घोषणा हो गई है.

सरकार को ऐसे ही काम करना चाहिए. पिछली कई सरकारें हर समय मौका ढूंढ़ती थीं कि कैसे आम आदमी पर नियमोंकानूनों का बोझ लादा जाए ताकि वे घुटघुट कर मर जाएं. ऐसे फैसलों का असर हर किसी पर पड़ता है. धंधा अच्छा चलता है तो व्यापारी मुनाफा कम ले कर ज्यादा सामान बेच कर अपनी आमदनी बढ़ाते हैं तो लोगों को ज्यादा चीजें सस्ती मिलने लगती हैं.

आज भवन निर्माण में भारी तेजी आ गई है और रहने की जगह क भारी किल्लत है. इस में सरकारी हाथ बहुत जिम्मेदार है जिस ने सांप की तरह जमीन पर कुंडली मार रखी है. पिछली सरकार ने किसानों के हितों के नाम पर एक ऐसा अव्यावहारिक कानून बना डाला था जिस से किसान अपनी जमीन अपनी मनमरजी के दामों पर नहीं बेच पाते. मोदी सरकार इसे ढीला कर के मकानों को आसानी से उपलब्ध कराने की योजना को लागू करने वाली है.

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