आमतौर पर समझा यह जाता है कि औरतें अपने बेटबेटियों के लिए पतियों को कालीसफेद कमाई करने के लिए उकसाती हैं. तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता बिना बच्चों वाली अनब्याही नेता हैं पर अब 1991 से 1996 के बीच करोड़ों कमाने के आरोप में गुनहगार पाई गई हैं. मामले तो उन पर बहुत से चले पर बाकियों में बच गईं और अस्वाभाविक कमाई से धन जमा करने के आरोप में फंस गईं. बैंगलुरु की विशेष अदालत ने उन्हें 66 करोड़ कमाने के आरोप में 4 साल की जेल और 100 करोड़ के जुर्माने की सजा सुनाई है.

18 साल से चल रहा यह मुकदमा अभी सुप्रीम कोर्ट तक 2-3 सालों में आएगा और तब तक जयललिता शायद जेल में रहेंगी. बीचबीच में निकलेंगी पर उन का राजनीतिक कैरियर लगभग खत्म हो जाएगा.

जयललिता ने ऐसा क्यों किया, यह सवाल हमेशा पूछा जाता रहेगा क्योंकि जब वे राजनीति में आई थीं उस वक्त भी पैसे वाली सफल तमिल हीरोइन थीं. राजनीति उन की महत्त्वाकांक्षा थी, पैसा कमाने की मशीन नहीं पर उन्होंने उसे ऐसे ही इस्तेमाल किया जैसे आज पत्नियां अपने पतियों को करती हैं कि और दो, और दो. उन दिनों उन्होंने अपने एक मुंहबोले बेटे का विवाह भी किया था, जिस में बेहिसाब खर्च किया गया था. इस शादी में जयललिता और उन की सहेली शशिकला तब भी लाखों में मिल रही साडि़यों में सजीधजी और लाखों के हीरों से लदीफदी मेहमानों का स्वागत करती रही थीं.

जब पहली बार जयललिता जेल गई थीं तो उन के घर से मिले उन के कपड़े, जूते व जेवर वगैरह महीनों तक खबरों में रहे थे. बिना बच्चों वाली, बिना पति वाली, बिना रिश्तेदारों वाली जयललिता को आखिर किसलिए पैसे, जेवर, साडि़यों का मोह था, यह सब को आश्चर्यचकित करता रहा था.

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