तमिलनाडु में जे जयललिता के निधन के बाद अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम पार्टी में एक रोचक स्थिति पैदा हो रही है. जैसे पहले सिने स्टार एमजी रामचंद्रन की मृत्यु के बाद उन की कोस्टार जे जयललिता और विधिवत पत्नी वीएन जानकी रामचंद्रन के बीच विरासत की लड़ाई हुई थी, वैसी ही अब जयललिता की मृत्यु के बाद उन की बहुचर्चित मित्र शशिकला और अब तक गुमनाम रही जयललिता की भतीजी दीपा जयकुमार के बीच पनप रही है.
एआईडीएमके के बहुत से कार्यकर्ता शशिकला से खुश नहीं हैं और उन का खयाल है राजनीति में नईनवेली दीपा को हांकना आसान होगा. जिस राज्य में मुख्यमंत्री और नेता को देवी की तरह पूजा जाता हो वहां जो स्थान साथी को मिलेगा, उस से बड़ा व्यापक खून के रिश्तेदार को मिलेगा. अगर दीपा जयकुमार ने राजनीतिक पैतरेबाजी सीख ली तो वह शशिकला के लिए चुनौती बन सकती है.
जयललिता ने जीतेजी शशिकला को केवल घर तक सीमित रखा था. कुछ समय के लिए तो दोनों में अनबन भी हो गई थी पर अंतत: अंतिम सालों में शशिकला से ही जयललिता का पीयर्स गार्डन घर चलता था. हर राजनीतिक फैसले में उस की सलाह ली जाती थी पर जयललिता ने कभी उसे पार्टी के नेताओं से नहीं मिलने दिया. जब जयललिता ने एमजी रामचंद्रन की मृत्यु के बाद सत्ता संभाली थी, तब तक वे राजनीति में मंज चुकी थीं और राज्य सभा तक में रह आई थीं.
शशिकला और दीपा दोनों जयललिता का नाम मुनाफा चाह रही हैं बिना राजनीति की दलदल का अनुभव किए. राजनीति इतनी आसान नहीं खासतौर पर तब जब भारतीय जनता पार्टी, द्रविड़ मुनेत्र कषगम और दूसरी दसियों पार्टियां खाली हुई जगह को घेरने के लिए बेचैन हो रही हों. फिर भी 2 नौसिखियों के बीच यह कुश्ती ‘दंगल’ की तरह हो सकती है. देश को महिला कुश्ती में अब आनंद आने लगा है और शशि बनाम दीपा कुश्ती रोचक होगी भले मैडल इन में से एक को मिले या किसी को भी नहीं.