पिछले 3 सालों में देश का विकास हुआ या नहीं यह जानने के लिए तो आप को नरेंद्र मोदी द्वारा लगाए गए बड़ेबड़े होर्डिंगों पर विश्वास करना होगा पर आप के बैंक बैलेंस की रिटर्न कम हो गई, यह पासबुक साफसाफ बता रही है.
अगर आप पहले 50 लाख की एफडीआर से 40 हजार पा कर मजे में जिंदगी गुजार रहे थे तो अब बैंक आप को 30 हजार ही देगा पर नोटबंदी, पैट्रोल के दाम में वृद्धि, टमाटरप्याज के बढ़तेघटते दामों और महादानव जीएसटी से आप के ब्याज के पैसे और कम पड़ेंगे.
काले धन को मारने के चक्कर में मोदी सरकार ने संपत्ति से आप को भी नुकसान पहुंचाया है. अब न तो पहले खरीदी गई संपत्ति का दाम बढ़ रहा है और न ही किराया बढ़ रहा है, इसलिए वहां लगा पैसा भी अब विकास नहीं विनाश की ओर चल पड़ा है. जिन्होंने शेयर बाजार में पैसा लगाया था उन्हें तो थोड़ी राहत है पर यह बाजार बेहद पेचीदा हो गया है और रातोंरात मोदी सरकार के हर रोज बदलते फैसलों के कारण भाव बढ़तेघटते हैं और डिविडैंड की श्योरिटी नहीं रह गई है. देश में बुलेट ट्रेन का सपना भले जम कर दिखाया जा रहा है पर उधार के पैसे से बनने वाली 1 लाख करोड़ रुपए की दिखावटी ट्रेन कोई मैट्रो नहीं है जोकि मुंबईअहमदाबाद के बीच सड़क या हवाईमार्ग के ट्रैफिक जाम को खत्म करने के लिए बनाई जा रही हो. अगर आप मुंबई या अहमदाबाद में रहते भी हों, तो यह आप की जेब में कुछ नहीं डालेगी.