मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने एक बलात्कार के अभियुक्त के प्रति नरमी बरतते हुए उसे जमानत पर रिहा कर दिया है क्योंकि अदालत के अनुसार वह लडक़ी अपनी इच्छा से नवंबर 2018 में उस के साथ मंदसौर से सूरत चली गर्ई जहां उसे एक बच्चा भी दोनों के प्रेम से हुआ.

आमतौर पर अदालतों का ऐसे मामलों में भी रुख बहुत ही संख्त होता है और 18 साल से कम की लडक़ी के साथ किसी भी तरह का यौन संबंध बलात्कार ही माना जाता है चाहे लडक़ी के  उकसाने और सहमति पर ही क्यों न यौन संबंध बने हो, कानून मानता है 18 वर्ष से पहले लडक़ी को रत्ती भर अक्ल नहीं होती और उस के बचकानेपन का लाभ उठाने का हक किसी को नहीं. जब लडक़ी भागी थी तो वह 15 साल की थी और लडक़ा 19 साल का.

अदालतों के सामने अब ये समस्या आनी शुरू होगी जब लडक़ालडक़ी स्पष्ट रूप से सहमती से संबंध बनाएंगे और बाद में मुकर जाएंगे. इस आयु में लडक़ी के पिता का खून खौल जाता है और वह ही पुलिस के दरवाजे खटखटा कर अपनी भड़ास निकालता है. इस तरह के स्पष्ट मामले में लडक़ों को दोषी ठहराना या लंबे समय तक जेल में बंद कर देना एक तरह से लडक़ीलडक़े का पूरा जीवन खराब कर देना होगा.

‘मेरी बेटी को मेरी नाक के नीचे से भगा ले गया’ वाली भावना बहुत सा रोष पैदा करती है और मातापिता अक्सर कानूनों का हवाला देकर भागे युगल को पकड़ ही नहीं लाते, पुलिस अदालत की शरण में जा कर अपने वर्षों और बड़ा पैसा खराब कर डालते हैं. अदालतें तो शिकायत होने पर लडक़े को गिरफ्तार करने का आदेश देंगी ही पर कम अदालतें ही समझती हैं कि किशोरावस्था के प्रेम परिपक्व न हों पर गहराई पूरी होती है, यह प्राकृतिक जरूरत है.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD48USD10
 
सब्सक्राइब करें

गृहशोभा सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं

  • गृहशोभा मैगजीन का सारा कंटेंट
  • 2000+ फूड रेसिपीज
  • 6000+ कहानियां
  • 2000+ ब्यूटी, फैशन टिप्स
 
गृहशोभा इवेंट्स में इन्विटेशन

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD100USD79
 
सब्सक्राइब करें

गृहशोभा सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं

  • गृहशोभा मैगजीन का सारा कंटेंट
  • 2000+ फूड रेसिपीज
  • 6000+ कहानियां
  • 2000+ ब्यूटी, फैशन टिप्स
  • 24 प्रिंट मैगजीन
गृहशोभा इवेंट्स में इन्विटेशन
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...