हर संयुक्त परिवार की तरह कांग्रेस परिवार में सब कुछ अच्छा नहीं है. कभी कोई बहू नखरे दिखा कर अपना घर अलग बसा लेती है तो कभी कोई बेटीबेटा विधर्मी, विजातीय से शादी कर के प्यार का संबंध तोड़ देता है. कभी तो भाई अलग दुकान खोल कर संयुक्त परिवार को ही चुनौती देने लगता है. संयुक्त परिवार चलाना उतना ही कठिन है जितना एक राजनीतिक पार्टी खासतौर पर कांग्रेस की तरह जो हवेलियों का एक समूह है और जिस के पांव तरहतरह से फैले पड़े हैं और जर्जर हालत में हैं पर नाम अभी भी है.

पंजाब में अमरींद्र ङ्क्षसह को मुख्यमंत्री पद से निकालना या गोवा में पूर्व मुख्यमंत्री का जाना या उत्तर भारत के व्यापार पर भारतीय जनता पार्टी को कब्जा हो जाना इस संयुक्त परिवार के लिए चुनौती है पर अगर मैं इस में कुछ गोंद लगी है तो वह है कि यह संयुक्त परिवार बाजार को हर समय आश्वस्त करता है कि जब तक वह है कुछ न कुछ होगा और नए लोग बाजार पर कब्जा नहीं कर पाएंगे. इस संयुक्त परिवार में जाति और धर्म के भेदभाव भी नहीं है.

आजकल कांग्रेस का भविष्य इतना खराब नहीं लग रहा है क्योंकि दूसरे संयुक्त परिवार जिस ने मंदिर बनवा कर बाजार लूटा है, आगे है पर मंदिर तो पैसा खाता है, देता नहीं.

ये भी पढ़ें- ठकठक गैंग की खतरे की टैक्नीक

भारतीय जनता परिवार में पुरोहिताई का इतना जोर है कि वहां या तो महापुरोहित की चलती या उस के 2, केवल 2 महाशिष्यों की. बाकी सब परिवार के व्यापार के मुनाफे का फायदा उठा सकते हैं पर यूं की नहीं कि उन्हें मेनका गांधी की तरह बाहर वाले कमरे में बैठा दिया जाएगा.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD48USD10
 
सब्सक्राइब करें

गृहशोभा सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं

  • गृहशोभा मैगजीन का सारा कंटेंट
  • 2000+ फूड रेसिपीज
  • 6000+ कहानियां
  • 2000+ ब्यूटी, फैशन टिप्स
 
गृहशोभा इवेंट्स में इन्विटेशन

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD100USD79
 
सब्सक्राइब करें

गृहशोभा सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं

  • गृहशोभा मैगजीन का सारा कंटेंट
  • 2000+ फूड रेसिपीज
  • 6000+ कहानियां
  • 2000+ ब्यूटी, फैशन टिप्स
  • 24 प्रिंट मैगजीन
गृहशोभा इवेंट्स में इन्विटेशन
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...