चौराहों पर खड़ी बंद गाडिय़ों के शीशे ठकठका कर भीख मांगना या सामान बेचना एक आम बात है पर यह ठकठक गैंग की खतरे की टैक्नीक है. वे इतनी बार ठकठक कर के आपका ध्यान बटाते हैं कि न चाह कर भी आप का ध्यान बंट जाता है. पैट्रोल लीक कर रहा है, डिग्गी खुली है, टायर फ्लैट हो गया है जैसे इशारें अक्सर स्कूटर या बाइक पर सवार लोग कार ड्राइवरों को करते है और अगर 10 में से 1-2 सही हो तो 8-9 गलत इरादे वाले ही होते हैं. यह बात दूसरी उन के शिकार कुछ ही बनते है क्योंकि अब इतना ज्यादा प्रचार हो चुका है कि लोग होशियार रहने लगे हैं.

बेइमान हमेशा नएनए तरीके ढूंढ़ते रहते हैं एक जगह दिल्ली में स्कूटर पर सवार 2-3 गैंगों ने गुट बना लिया. एक ने ठकठक कर के पीछे की ओर ईशारा किया. सतर्क महिला कार ड्राइवर ने तुरंत गाड़ नहीं रोकी और काफी दूर तक चलती रही कि वे ठकठक करने वाले जा चुके होंगे. नहीं, उन के दूसरे साथी पीछे से आ रहे थे. महिला ने सावधानी के लिए उतरने से पहले अपना पर्स कंध्धेे पर टांग लिया कि कोई गाड़ी में से निकाल न ले जाए. तब वह उतर कर पीछे की ओर चैक करने लगी.

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पीछे से तभी वह दूसरा गुट आया और उस के कंधे से बैग छीन कर भागने लगा. औरत ने बैग को मजबूती से पकड़ लिया और 100 मीटर तक उसे घसीटा तब उन के हाथों में आया. उस में चाहे ज्यादा पैसे नहीं थे पर औरत की बहादुरी में बहुत बड़ा रिस्म भी था.

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