इसलामिक स्टेट औफ इराक ऐंड सीरिया यानी आईएसआईएस अब सुर्खियों में छाने लगा है. सुन्नी मुसलमानों का यह आतंकवादी गुट अब शिया बहुल इराक के काफी बड़े इलाके पर नियंत्रण जमाए है और सीरिया में भी शियाओं के लिए खतरा है. इराक जहां सब से ज्यादा शिया हैं, सिवा बातें बनाने के कुछ नहीं कर पा रहा है.

इस झगड़े का लाभ आम गृहिणियों को हो रहा हो तो कहा नहीं जा सकता. आईएसआईएस अपने कब्जे के तेल के कुंओं से काफी सस्ते में तेल बेच रहा है. इस गुट को केवल जेहादियों के खानेपीने और हथियारों के लिए खर्च करना है, इसलिए इसे महंगे दामों पर तेल बेचने की जरूरत नहीं है.

सऊदी अरब, इरान, कुवैत, बहरीन आदि कच्चा तेल महंगा बेच रहे थे तो इसलिए कि उन के शासकों को ऐशोआराम चाहिए था. उन्हें चमचमाती गाडि़यां चाहिए थीं, शहर चाहिए थे और महलों की जरूरत थी. वे तेल के दाम बढ़वा रहे थे. तेल व्यापारी चाहे पश्चिमी एशिया के हों या यूरोप अमेरिका के, महंगे तेल से खुश थे कि इस से कमीशन बढ़ता है. अब कुंओं पर जेहादियों का कब्जा है पर फिर भी तेल ठेकेदार दाम बढ़वा नहीं पा रहे क्योंकि जेहादी सस्ता तेल बेच रहे हैं.

भारत में यदि पैट्रोल व गैस सस्ती हुई है तो इस की एक वजह यह भी है कि उत्पादकों को कम मुनाफा मिल रहा है. असल में यह फौर्मूला तो हर जगह लागू होना चाहिए. भारत में टमाटर, प्याज महंगा इसलिए नहीं है कि उगाने की लागत बढ़ गई है, बल्कि इसलिए है कि बिचौलिए मोटा मुनाफा कमा रहे हैं. अगर यहां का किसान अपना सामान खुद सीधे ग्राहकों को बेचने लगे तो वह लागत से ज्यादा पाएगा और उपभोक्ता को सस्ते में भी दिला देगा.

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