सऊदी अरब अपने यहां के सख्त कानूनों के चलते दुनिया के कई देशों के निशाने पर रहा है. मृत्युदंड देने वाले मुल्कों में सर्वोपरि स्थान रखने वाला यह देश जहां विश्वपटल पर अपना रुतबा और अमलदखल रखने वाले प्रख्यात लोगों की आलोचना का पात्र बना हुआ है, वहीं आम कामगार भी सऊदी दोहराव की तीखी निंदा करते देखे जाते हैं.
मौत की सजा के तौर पर सिर कलम किए जाने को अमानवीय कृत्य के रूप में देखासमझा जाता है. जब सऊदी अरब की पुलिस देश या विदेश के किसी व्यक्ति को मादक पदार्थ व अश्लील साहित्य के साथ गिरफ्तार करती है या किसी व्यक्ति को देशद्रोह के आरोप में कैद किया जाता है, तब इसलामी अदालत उस के प्रति काफी सख्त रवैया अपनाती है.
अधिकांश मामलों में मौत की सजा का निर्धारण किया जाता है. मृत्युदंड के लिए सऊदी अरब की हुकूमत फांसी की सजा कम ही देती है. वह मौत की सजा पाए दोषियों का सरेआम सिर कलम कराती है. दोनों हाथ और पैर बंधे अपराधी को काला नकाब पहना कर जमीन पर बैठाया जाता है तथा जल्लाद तलवार के एक ही प्रहार से मुजरिम का सिर, धड़ से अलग कर देता है.
कठोर कानून
पुरुष द्वारा महिला का बलात्कार करने या महिला को बहलाफुसला कर उस का शील भंग एवं यौन उत्पीड़न करने के पाश्विक मामले में जहां दोषी पाए जाने वाले मर्द के शरीर पर कोड़े लगाने या संगसार (पत्थर मार कर मृत्युदंड दिया जाना) करने के क्रूरतम दंड का प्रावधान है, वहीं आपसी रजामंदी से अवैध शारीरिक संबंध स्थापित करने के आरोपी युगल को अपराध सिद्घ होने की दशा में सरेआम संगसार किए जाने की सजा निर्धारित है.
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