भारतीय जनता पार्टी की अधिकृत प्रवक्ता नूपुर शर्मा और एक दूसरे मीडिया प्रभारी नवीन कुमार एक टीवी डिबेट में इस्लाम पर कुछ ऐसी फब्तियां कस दी कि सारे मुसलमानों की ही नहीं, सारी दुनिया के मुसलिम देशों की भौंहें तन गईं. नूपुर शर्मा और नवीन कुमार ने जो भी कहा वह भारतीय जनता पार्टी समर्थक अपने व्हाट्सएप गु्रपों में अर्से से कहते रहे हैं और इस्लाम हिंदू विवाद में खुद को श्रेष्ठ दिखाने के लिए पैगंबर को अपमानित करने के लिए फौरवर्ड कर के अपने को हिंदू योद्धा मानते रहे हैं.

इस बार जोश में ज्ञानवापी मसजिद पर चल रही बहस में नूपुर जोश में आ गई और एंकर ने उसे टोका तक  नहीं. एंकर की सोच भी ऐसी ही है कि हिंदू ही सर्वश्रेष्ठ है क्योंकि वही उसे टीआरपी दिला रहा है.

हर धर्म के अपने ग्रंथों में अपने ही आराध्यों के बारे में न जाने क्याक्या कहां गया है और हर धर्म के अपने सुधारक कई बार अपने धर्म के लोगों को असलियत बताते रहते हैं. लगभग सभी देशों में ईशिनदा, कानून बने हुए हैं ताकि लोग अपने धर्म की पोल न खोलें. दूसरे धर्म की पोलपट्टी मौका देख कर खोली जाती है जब अपने धर्म पर होते आक्रमण से बचाना हो चाहे. वह स्वाधर्मी का हो या विधर्मी का. भारतीय जनता पार्टी की सत्ता चूंकि धर्म पर टिकी है जिस की मुख्य घुटी 1000 साल का मुसलिम राज है, वे प्राइवेट में बहुत अनर्गल बोलते रहते हैं. इस बार टेलीविजन बहस में बोल दिया गया और वह भी औफिस बीयरर द्वारा, पटाखा फूट गया और कई मुसलिम देशों की सरकारों ने भारतीय दूत को बुला कर सफाई देनेको कहा.

नूपुर शर्मा और नवीन कुमार का दोष नहीं है क्योंकि अपनी 1000 वर्षों की गुलामी की खीज उतारने का उन के पास और कोई चारा नहीं है कि वे मुसलिम जमात को बदनाम करें. इस्लाम चाहे जैसा भी हो, उन के ग्रंथों में जो भी लिखा हो, यह तो स्पष्ट है न कि हिंदू राजा बारबार, सैंकड़ों बार, मुट्ठी भर इस्लामी हमलावरों के हाथों हारते रहे क्योंकि हमारा अपना धर्म हमें सब को बांट कर रखता है ताकि ब्राह्मïण शिरोमणि सब से ऊपर बन रहें और निरंतर दानदक्षिणा पाते रहें. आजकल दान में वोट भी जम कर ली जा रही है कि इस वोट के दान से हर घर में सोना बरसेगा, पैट्रोल, डीजल 35 रुपए लीटर होगा, 15 लाख रुपए हरेक के खाते में जाएंगे, पाकिस्तान से कश्मीर वापिस लिया जाएगा, चीन को कातिल आंखें दिखाई जाएंगी और आम हिंदू को धर्म काज करने के हर 4 कदम पर नया नवेला मंदिर मिलेगा जहां वह पाप धोने के लिए अपनी संपत्ति लुटा सके.

आज जब इतना मिल रहा हो और पुरानी कालिख धुल रही हो तो विरोधी के पुरखों को कोसने में क्या जाता है? 7 पीढिय़ों तक जाने की परंपरा हमारे यहां हर परिवार में है ही. ये शब्द व्हाट्सएप यूनिवॢसटी हर रोज औन लाइन क्लासों में पढ़ाती रहती है. बस वह डाला. पहले 2-3 दिन तो छोटीमोटी शिकायतें हुई तो नुपूर शर्मा ने कह डाला कि गृहमंत्री, प्रधानमंत्री, पार्टी के औफिसों को उस का पूरा समर्थन है. अब बचे पीछें दुपक रहे हैं.

यह विवाद बिलकुल निरर्थक है क्योंकि आज की विश्व की िचता रूस यूक्रेन युद्ध है, ग्लोबल वार्मिंग है. कोविड माहमारी है, खानेपीने की चीजों में हो रही कमी है, औरतों के साथ शिक्षा और आजादी के बावजूद न रुकता भेदभाव व हिंसक व्यवहार है. इन समस्याओं की जगह किस के अपराध ने कब क्या किया, यह बाल की खाल निकाल कर सिर्फ धर्म की दुकान चलवाना है.

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