एक ब्रिटिश युवती की शिकायत पर पंजाब पुलिस ने आखिर होमगार्ड सुखविंदर सिंह को पकड़ ही लिया. इस युवती ने शिकायत की थी कि उस गार्ड ने उस से अभद्र व्यवहार किया और एक खाली कोच में उस के बराबर बैठ कर उसे छूने की कोशिश की. मजेदार बात तो यह है कि लगभग 22-23 साल की यह युवती वरदी में घूम रहे उस गार्ड के पास तब गई थी जब कोई आदमी उसे अकेला देख कर उस का पीछा करने लगा था. उस आदमी से तो छुटकारा पा गई थी युवती, पर उसे नए राक्षस ने घेर लिया था. अब पकड़े जाने पर गार्ड ने स्वीकार कर लिया है कि वह उस ट्रेन में था और राधास्वामी सत्संग, ब्यास जा रहा था यानी धर्मस्थल पर जाने वाले किसी भी तरह के हो सकते हैं.
लगभग हर धर्मस्थल पर बड़ेबड़े अक्षरों में बोर्ड लगे होते हैं कि जेबकतरों से सावधान रहें. भगवान के दरबार में भगवान के एजेंट किसी का सामान खो जाने के जिम्मेदार भी नहीं हैं, यह भी बोर्डों पर लिखा होता है. धर्म की दुकानों के सामने औटोरिकशा वालों और कुलियों से पुण्य कमाने आए लोगों की झड़प दिखना भी आम बात है. जूतेचप्पल रखने के नाम पर बेईमानी के हजार नमूने हैं. ब्रह्मा के मंदिर, अजमेर, में बड़े बोर्ड लगे हैं कि यहां जूतेचप्पल मुफ्त रखे जाएंगे पर वहां पहुंचो तो पता चलेगा कि चढ़ावे की थाली खरीदने पर ही जूतेचप्पल मुफ्त रखे जाएंगे. धर्म जब भक्तों को अपने दरबार में आने पर भी नहीं सुधार सकता तो भक्तों का क्या कल्याण होगा? वह तो सिर्फ पंडों, पुजारियों, मुल्लाओं और पादरियों का भला करता है और मानने की बात है कि कई हजार सालों से इस धोखे में सफल है, शानदार सफल है.
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