महीनों से त्योहारों का इंतजार करते दुकानदार सुस्त नजर आ रहे हैं. दीवाली पर औफर में खरीदने की फिराक में ग्राहक भी घर में शांत बैठे हैं. शौपिंग करने की लिस्ट तो लंबी है लेकिन जेब में रकम सामान के बजट से काफी छोटी है. सोनाचांदी तो दूर खाद्यपदार्थ ही सोने के भाव हो रहे हैं फिर क्या दीवाली और क्या दशहरा. मंहगाई की मार चारों तरफ है.

कमरतोङ महंगाई

महंगाई ने आमलोगों की कमर तोड़ रखी है. ऐसे में इस बार की दीवाली लोगों की जेब पर महंगी पड़ी और ग्राहकी उम्मीद से भी कम नजर आई.

त्योहारों पर गुलजार होने वाले बाजार सामान्य दिनों की तरह ही नजर आ रहे हैं और सरकार जाने कहां सोई हुई है जो आमलोगों की थाली से दाल, सब्जी दूर होने पर भी सुध नहीं ले रही है.

बाजार में खामोशी

दीवाली पर शादियों के लिए सोनेचांदी की खरीदारी करने वाले ग्राहक इक्कादुक्का ही नजर आ रहे हैं. जहां पहले मध्यवर्ग परिवार की बेटी को 10 -15 ग्राम तक के सोने से बने आभूषण भेंट करने की सोचता था अब वह 5-6 ग्राम पर ही सिमट गया है. और तो और आमजन की थाली से सब्जी व दालें नदारद होती नजर आ रही हैं, वहीं त्योहारों पर पूरीसब्जी खाने का मन करे तो लोगों को मनमसोस कर रहना पड़ेगा क्योंकि एकदम से आए तेल के रेट में उछाल ने लोगों को सकते में कर दिया है. पिछले कुछ दिनों में खाद्यपदार्थ पहुंच से बाहर हो गया है.

15 लीटर के टीन रिफंड औयल की कीमत पहले से ₹550 से 600 अधिक हो गई है क्योंकि इस पर इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ा दी गई है यानि एक किलोमीटर तेल के रेट एकसाथ ₹35 के तकरीबन बढ़ा दिए हैं.
वहीं सरकार अपने महकमे से जुड़े लोगो की बल्लेबल्ले करने में लगी है.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD48USD10
 
सब्सक्राइब करें

गृहशोभा सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं

  • गृहशोभा मैगजीन का सारा कंटेंट
  • 2000+ फूड रेसिपीज
  • 6000+ कहानियां
  • 2000+ ब्यूटी, फैशन टिप्स
 
गृहशोभा इवेंट्स में इन्विटेशन

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD100USD79
 
सब्सक्राइब करें

गृहशोभा सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं

  • गृहशोभा मैगजीन का सारा कंटेंट
  • 2000+ फूड रेसिपीज
  • 6000+ कहानियां
  • 2000+ ब्यूटी, फैशन टिप्स
  • 24 प्रिंट मैगजीन
गृहशोभा इवेंट्स में इन्विटेशन
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...