अंकिता और अनुज ने लव मैरिज की थी. शुरुआत में दोनों एक ही औफिस में थे, मगर बाद में अंकिता ने कंपनी बदल ली. दोनों एकदूसरे से बहुत प्यार करते थे और कोई भी फैसला लेने से पहले आपस में सलाह जरूर करते थे. कुछ दिनों से अंकिता के सासससुर भी उन के पास हैदराबाद में आ कर रहने लगे थे क्योंकि वे अपने छोटे पोते रवि के साथ समय बिताना चाहते थे. अंकिता अपने सासससुर का बहुत खयाल रखती थी.
इसी बीच अंकिता को एक असाइनमैंट के लिए मुंबई जाने का और्डर मिला. इस असाइनमैंट के बाद प्रमोशन मिलना तय था. अंकिता बहुत दुविधा में थी. अगर वह मुंबई नहीं जाती तो प्रमोशन तो मिलता ही नहीं नौकरी भी खतरे में आ जाती, जबकि उस के लिए अनुज और रवि को छोड़ कर मुंबई जाने का फैसला भी आसान नहीं था.
ऐसे में जब अंकिता ने अपनी सास से बात की तो वे सहजता से बोलीं, ‘‘बेटा कंप्रोमाइज तो औरतों को ही करना पड़ता है. मुझे देख अपनी लेक्चररशिप की जौब छोड़ तेरे ससुर के साथ उतनी दूर दिल्ली में जा कर बस गई. शादी के बाद जब फिर नौकरी का फैसला लिया तो अनुज पेट में आ गया. सास ने साफ मना कर दिया. बस तब से खशीखुशी होममेकर की जिंदगी बिता रही हूं. मु?ो इस बात का कोई गिला नहीं कि जिंदगी में मु?ो कई बार कंप्रोमाइज करने पड़े. आखिर नारी का दायित्व यही है कि वह पति की अनुगामिनी बने.’’
‘‘जी ठीक है. मैं यह जौब ही छोड़ दूंगी. कोई और देख लूंगी. वैसे भी रवि को छोड़ कर मैं नहीं जा सकती.’’
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