स्कूलों में पहले जहां दोस्तियां शुरू होती थीं, आजकल रिलेशनशिप शुरू हो जाती है. क्रश वगैरह तो पुरानी बातें हो गई हैं. स्कूल हो या कालेज, रिलेशनशिप आजकल पहले से भी ज्यादा कौमन हैं.

अकसर टीनऐज बच्चे रिलेशनशिप के चक्कर में अपना स्कूल का कीमती वक्त जाया कर रहे होते हैं. लेकिन इस से उन की पढ़ाई कितनी प्रभावित होती है इस का उन्हें अंदाजा भी नहीं रहता.

हालफिलहाल इंस्टाग्राम पर एक रील वायरल हो रही थी जिस में 2 लङकियां और 1 लङका स्कूल के बाद किसी गली में शादी का ड्रामा रचा रहे थे. स्टूडैंट की उमर लगभग 16-17 साल रही होगी. लङका लङकी की मांग में सिंदूर भरे जा रहा था और लडकी खुश हुए जा रही थी. न जाने स्कूलों में बच्चे किस तरफ जा रहे हैं. अपना कीमती वक्त इन हरकतों में बरबाद करना उन्हें कहां ले जाएगा.

लड़कियों के लिए

लड़कियों के लिए यह जान लेना जरूरी है कि बौयफ्रैंड रखना कोई बुरी बात नहीं लेकिन उस के क्या साइड इफैक्ट्स हो सकते हैं टीनऐज बच्चों को यह समझाया जाना बेहद जरूरी है, जो शायद उन के मातापिता नहीं कर कर पा रहे हैं.

आइए, जानते हैं इस के साइडइफैक्ट्स :

सब से पहला साइडइफैक्ट तो यही है कि लड़कियां अपनी पढ़ाई को पूरा समय नहीं दे पातीं. बौयफ्रैंड है तो उसे भी समय देना पङ़ेगा और ऐसे में उस का वह समय जो पढ़ाई में इस्तेमाल हो सकता है बौयफ्रैंड को पैंपर करने में निकल जाता है.

भारतीय घरों में लड़कियों के पास कितना ही समय होता है यह सब जानते ही हैं. पढ़ाई के साथसाथ उन्हें घर के कामकाज भी करने पडते हैं और अगर छोटे बहनभाई हैं तो उन्हें संभालना भी पड़ता है. ऐसे में लङकियां अपनी और अपनी पढ़ाई के लिए वक्त कम निकाल पाती हैं.

मौजमस्ती होगी खत्म, सुननी पड़ेगी उस की ही

एक व्यक्ति के साथ स्कूल का सारा समय निकालना पडेगा. ऐसे में आप नए दोस्त बनाने से रह जाएंगे. आप मौजमस्ती नहीं कर पाएंगे. सोचिए कि क्या आप का बौयफ्रैंड आप को दूसरों से बात करने देगा? घर में पापामम्मी और स्कूल में बौयफ्रैंड आप का ताऊ बन कर आप की गतिविधियों पर नजर रखेगा. आप कहां जा रही हैं, किस से बात कर रही हैं, किस के साथ बैठ रहीं है, सबकुछ उसे ध्यान में रख कर करना होगा. उस के लिए होमवर्क भी करना पङ सकता है.

गर्ल स्टूडैंट्स के लिए यह कितना अजीब है कि वे अपने पूरी स्टूडैंट लाइफ में एक ही व्यक्ति के साथ बंधे रहती हैं. छात्रजीवन दोस्ती, समझदारीपूर्ण मौजमस्ती, ध्यान केंद्रित करने, देने और लेने और ढेर सारी अच्छी विचारशील यादों को हमेशा के लिए समेटने का समय होता है, जिन्हें आप लंबे समय तक अपने साथ रख सकती हैं.

यदि आप एक ही व्यक्ति के साथ बंधे रहते हैं, मसलन बाहर जाना, मिलनाजुलना, खानापीना, फिल्म देखना और मीठीमीठी बातें करना, तो क्या आप वास्तव में एक छात्र के रूप में जीवन के उस बड़े हिस्से को खो नहीं देंगी?

क्या आप के लिए इस के अलावा दोस्तों के साथ पढ़ाई करना ज्यादा मजेदार नहीं होगा? आखिर दोस्ती रोमांटिक रिश्ते में बैठने से ज्यादा मजेदार नहीं है जिस में आप का मानसिक विकास भी होता है, नकि आप की सोच सीमित हो जाती है.

ब्रैकअप हुआ तो होगी दिक्कत

स्टूडैंट माइंड मैच्योर होने की तरफ बढ़ रहा होता है. प्यूबर्टी इसी समय टीनऐजर्स को हीट करती है. ऐसे मे आप इमोशनली वीक होती हैं. पीरियड्स से ले कर शरीर के अलगअलग भागों में आते बदलाव आप को परेशान कर रहे होते हैं. ऐसे में अगर आप की आप के बौयफ्रैंड से ब्रेकअप हो जाता है तो आप मानसिक रूप से कमजोर हो जाती हैं, जिस से आप की पढ़ाई जोकि लाइफ का सब से जरूरी पहलू है पर असर पड़ता है. आप का पढ़ाई पर से मन हट जाता है और आप क्योंकि सारा वक्त बौयफ्रैंड को ही देती आई हैं तो जाहिर सी बात है आप के ज्यादा अच्छे दोस्त भी नहीं बन पाए होते तो आप अपनी दिक्कतें भी उन के साथ शेयर नहीं कर पाती हैं.

मानसिक विकास में बौयफ्रैंड हो सकता है बाधक

अकसर देखा गया है कि बौयफ्रैंड चाहे किसी भी ऐज में हो वह आप को प्रभावित करने की कोशिश करते हैं. वे चाहते हैं कि जिस तरह का लाइफस्टाल वे कैरी करते हैं आप भी करें, चाहे वह बुरा ही क्यों न हो.

क्लासेज बंक करना, स्कूल के बाद समय बरबाद करना, पढ़ाई में ज्यादा समय न देने जैसी चीजों के लिए अकसर बौफ्रैंड्स आप को फोर्स करते हैं जिस से आप के सोचने और चीजों को समझने की क्षमता प्रभावित होती है.

आप का ध्यान सिर्फ उसी की कही बातों पर होता है, जोकि खुद विकास की प्रक्रिया से गुजर रहा होता है और जिस की खुद की बुद्धि का विकास अभी होना बाकी है.

इसलिए टीनऐज लङकियों के लिए यह जरूरी हो जाता है कि वह अपने शारीरिक, मानसिक और बौद्धिक विकास पर ध्यान दें नकि बौयफ्रैंड की बातों में अपना कीमती स्टूडैंट लाइफ जोकि दोबारा वापस नहीं मिलेगी को बरबाद करें.

बौयफ्रैंड तो आप को जिंदगी के हर मोड़ पर मिल जाएंगे पर यह वक्त नहीं. और फिर कौन कब तक साथ देगा इस का कोई जवाब नहीं है। हो सकता है कि स्कूल के बाद आप दोनों के ही रास्ते अलग हो जाएं.

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