फैशन, मौडलिंग और ऐक्टिंग के लिए पहले महिलाओं की उम्र 20 से 30 साल तक ही परफैक्ट मानी जाती थी. लेकिन अब 35 साल के बाद की उम्र में भी महिलाएं खुद को किसी मौडल या ऐक्ट्रैस से कम नहीं समझतीं. मौका मिलने पर रुपहले परदे से ले कर रैंप शो, कैटवाक और मौडलिंग तक में वे सैकेंड इनिंग का खूब लुत्फ उठा रही हैं.

बदलाव का असर बौलीवुड तक ही सीमित नहीं है, छोटे और बड़े शहरों की घरेलू महिलाएं भी इस चमक में पीछे नहीं हैं. इस कारण देश में ब्यूटी, फैशनेबल ड्रैस और वैलनैस का बिजनैस सब से आगे बढ़ रहा है.

बात केवल श्रीदेवी, हेमामालिनी, माधुरी दीक्षित, मलाइका अरोड़ा, काजोल, जूही चावला की ही नहीं है. छोटेबड़े शहरों में रहने वाली महिलाएं भी अब उम्र की दूसरी पारी में पहले से अधिक अच्छा काम कर रही हैं. फिटनैस और खूबसूरती के हिसाब से भी वे पहले से अधिक खूबसूरत और ग्लैमरस नजर आने लगी हैं. यही वजह है कि आज के दौर में छोटेबड़े सभी तरह के शहरों में ‘मिसेज’ को ले कर तमाम तरह की प्रतियोगिताओं का आयोजन होने लगा है. शादी के बाद महिलाओं की सक्रियता पहले दूसरे सामाजिक कार्यों में होती थी पर अब फैशन, ब्यूटी, रैंप शो और मौडलिंग में भी वे अपनी ब्यूटी और फिटनैस का कमाल दिखा रही हैं.

इस बारे में मिली जानकारी से पता चलता है कि शादी के बाद कैरियर, घरपरिवार, बच्चों का तनाव बहुत सारी आजादी में रुकावट बनता था. 35 की उम्र के बाद जब सारी चीजें करीबकरीब अपने हिसाब से चलने लगती हैं, तो मानसिक रूप से फ्रीनैस का अनुभव होता है. यही वजह है कि आज के समय में महिलाएं अपनी पहली पारी से ज्यादा सक्रिय दूसरी पारी में दिखने लगी हैं.

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