'काल करे सो आज कर, आज करे सो अब. पल में परलय होएगी, बहुरि करेगा कब.' ये दोहा संत कबीर का लिखा हुआ हमें जीवन का महत्व ही नहीं बताता बल्कि जीवन में सफलता पाने का राज भी बताता है आज हम कामयाबी पाने के लिए अनेक मोटिवेशनल स्पीकर्स को सुनते हैं लेकिन यदि हम दो पंक्तियों को अपने जीवन में उतार ले तो सफल होने से हमें कोई नहीं रोक सकता. क्योंकि हम अपने काम को टालने की आदत छोड़कर तुरंत करना शुरु कर दें तो हमारे भीतर अनुशासन का गुण आ जाएगा और जब व्यक्ति अनुशासन का पक्का हो जाता है तो कामयाबी उसके कदम चूमती है.

उदहारण के तोर पर देखें तो अनुशासन की सीख हमें अपनी प्रकृति से ही मिलती है जिस तरह सूर्य रोज़ सुबह में उगता है और शाम में छिपता है सूर्य के निकलने व छिपने से ही दिन रात होते हैं सोचो अगर इस का कोई निश्चित समय ना होता तो क्या दिन रात ऐसे होते सम्भवतः कुछ भी समय से नहीं होता इसीलिए जरूरी है कि सफलता पाने के लिए हर व्यक्ति में कुछ गुण जरूर होने चाहिए. जिससे वह आत्म अनुशासन के रास्ते पर चल सके.ऐसे में यहां कुछ ऐसी बातों के बारे में बता रहे हैं जिन्हे यदि आप अपने जीवन में अपना लेंगे तो आप आत्म अनुशासन में रह पाएंगे.

अपना गोल चुने

किसी भी काम को करने से पहले हमें सबसे पहले जरूरी होता है कि हमें पता हो की जो हम कर रहे हैं वो क्यों कर रहे हैं क्या वो वहीं है जिसे हम पाना चाहते हैं यदि हमें अपना गोल स्पष्ट रूप से पता होगा तो हम उसे हर हाल में पाकर रहेंगे.क्योंकि जिस काम की जितनी मजबूत वजह होती है हमारी लग्न उस काम को करने की उतनी ही ज्यादा होती है.अगर करियर का उदहारण लें तो ऐसा करियर प्लान करें जिसे आप मन से चाहते हो कई बार दूसरों की देखा-देखी हम करियर चुन लेते हैं. बाद में, उसे पूरा करने की दिशा में हम काम करते तो हैं लेकिन या तो वो हमारी मज़बूरी बन जाता है या हम वह अक्सर बीच में ही छोड़ देते हैं जिसका हमारे जीवन पर नकरात्मक प्रभाव पड़ता है.

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