जीवन की अनिश्चिंतताओं एवं तनाव के बीच हमारी योजनाएं ही हमारे जीवन को सरल, सफल और सुखद बनाने की राह दिखाती हैं. हर व्यक्ति का हर दिन किसी न किसी योजना के तहत ही बीतता है. अचानक घटने वाली घटनाओं को भी यदि प्लानिंग के तहत संभाला जाए तो ही सफलता मिलती है. ऐसे में आने वाले सालों में अपनी प्राथमिकताओं को योजनाबद्ध करना जरूरी है खासकर महिलाओं के लिए प्लानिंग के लिए कई फायदे हैं. लेकिन उन्हें यह तय करना होगा कि जीवन के वे कौन से क्षेत्र हैं जहां उन्हें प्लानिंग की सब से ज्यादा आवश्यकता है. आइए हम इस में आप की मदद करते हैं:
फार्मूला फिट रहने का
हाल ही में हैल्थ और्गेनाइजेशन मैट्रोपोलिस हैल्थकेयर लिमिटेड द्वारा देश के 4 महानगरों दिल्ली, कोलकाता, बैंगलुरु और मुंबई में रहने वाली महिलाओं के बीच किए गए सर्वेक्षण से पता चलता है कि युवा महिलाओं में यूटरस, माउथ कैंसर, डायबिटीज, थायराइड और यूटीआई की बीमारी तेजी से बढ़ रही है. इस बाबत डाक्टर मीता वर्मा, मूलचंद अस्पताल, दिल्ली, बताती हैं कि प्रिजर्वेटिव फूड, नौनऔर्गेनाइज्ड फूड आजकल चलन में है. कार्यालय से थकीहारी आई महिला में जब खाना बनाने की हिम्मत नहीं होती, तो वह इस तरह के भोजन का सहारा लेती है. लेकिन इस से उस का कोलैस्ट्रौल लैवल बढ़ जाता है और वह हारमोनल डिसबैलेंस की शिकार हो जाती है. ऐसा यंग गर्ल्स में ज्यादा देखा जाता है खासकर उन में जो अपने परिवार से दूर रहती हैं, क्योंकि घर पर खाना बनाने का उन में आलस्य ज्यादा होता है. मगर सोचिए थोड़े से आलस्य की वजह से आप एक बड़ी बीमारी का शिकार हो सकती हैं, इसलिए इस वर्ष प्रण करें कि चाहे कुछ भी हो खाना घर का बना ही खाएंगी.