शादीशुदा औरतों का परायों से प्यार कोई नया नहीं है पर यह हमेशा जोखिम भरा होता है. जिसे भी प्यार कहते हैं उस में अधिकार भी शामिल हो जाता है और प्यार करने वाला शादीशुदा औरत पर हक जमाने लगता है, चाहे वह खुद शादीशुदा क्यों न हो. उसे प्रेमिका का पति खलनायक चाहे न लगे पर वह प्रेमिका की न को नहीं सुन सकता. कुछ दिनों का आकर्षण, हंसीमजाक, सैक्स जब यथार्थ के ठोस धरातल पर उतरता है, तो औरत को अपने पति व बच्चों की फिक्र होने लगती है और प्रारंभ का आकर्षण, इन्फैचुएशन, एक बोझ बनने लगता है. जहां पहले उस के मुंह से हरदम हां निकलता था अब न या कल, परसों, अगरमगर निकलने लगता है और प्रेमरस में डूबे प्रेमी को यह गुस्सा भी दिलाता है और हताशा भी.
भारतीय सेना के मेजर निखिल राय हांडा को मेजर अमित द्विवेदी की पत्नी शैलजा द्विवेदी से प्यार हुआ तो कोई खास बात नहीं थी, क्योंकि हमउम्र लोगों में आकर्षण व प्यार हो ही जाता है पर जब हांडा शैलजा पर अपना अधिकार जताने लगा तो कठिनाइयां होने लगीं. इसी चक्कर में निखिल ने दिन में दिल्ली की भरी सड़क पर गला रेत कर हत्या ही नहीं कर डाली, उसे सड़क पर फेंक कर 2 बार गाड़ी भी उस के शरीर पर चला डाली ताकि मामला दुर्घटना का लगे. विवाह के बाद प्रेम हमेशा जोखिमों से भरा होता है. विवाह किया है, तो निभाना चाहिए और जब तक तलाक न हो जाए, दूसरेदूसरी के प्रति कमिटेड रहना चाहिए, चाहे मन मार कर. जैसे आप दूसरे की संपत्ति को हथियाने की नहीं सोच सकते वैसे ही दूसरे के पति या पत्नी पर डाका नहीं डाला जा सकता. अगर ऐसा होगा तो वह गलत ही कहा जाएगा.