कैंसर अब काफी लोगों को होने लगा है और हर अस्पताल में कैंसर डिपार्टमैंटों को ज्यादा जगह दी जाने लगी है. पहले कभी यह बीमारी अनजानी सी रहती थी पर अब मशीनों की वजह से पता चल जाता है कि कैंसर सैल्स कहां हैं और कैसे फैल रहे हैं. अब कैंसर होने के बावजूद मरीज कई सालों तक जीवित रह सकते हैं और इसीलिए अब वे जिंदादिल हो गए हैं और अपनी जिंदगी को सामान्य तरीके से जीना सीख रहे हैं.

ऐक्ट्रैस सोनाली बेंदे्र ने भी यही किया. जब उन्हें पता चला कि उन्हें कैंसर हो गया है तो उन्होंने मुंह न छिपा कर ढिंढोरा पीट डाला ताकि सब को पता चले और सभी साथी, रिश्तेदार और फैंस उन्हें उत्साह दे सकें. उन्होंने सोशल मीडिया पर अनाउंस कर डाला कि उन्हें कैंसर है और मेटास्टैसिस स्टेज में हाई ग्रेड का है.

कैंसर का उपाय ही यह है कि इस से लड़ा जाए न कि मुंह छिपाया जाए. यह बीमारी तो दवाओं से नियंत्रित होती है और छिप कर, बालों के जाने से या हर थोड़े दिन अस्पताल के चक्कर लगाने से कोई नीचा नहीं हो जाता. कैंसर होने के बाद हिम्मत ही पैसे के बाद सब से बड़ी जरूरत है और जिस ने यह पा ली वह कैंसर से मुक्त हो या न हो, उस से लड़ने को जरूर तैयार हो जाता है.

आज कैंसर की नई दवाएं बन रही हैं और कैंसर मरीज अब कुछ ही महीनों के मेहमान नहीं रह गए हैं. मगर हां, बहुत लोग इस से ही दुखी हो जाते हैं कि उन की जिंदगी के कुछ ही साल बचे हैं. अगर कुछ साल भी बचे हों तो जम कर जीना ही कैंसर को यह बताना है कि हम उस से डरते नहीं हैं.

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