राइनर वाइस, बैरी बैरिश और किप थोर्ने को इस साल का भौतिकी का नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया है. गुरुत्त्वीय तरंगों की खोज करने वाले वैज्ञानिकों को इस साल भौतिकी का नोबेल पुरस्कार मिला है. वैज्ञानिक अमेरिका के हैं. इस बार भौतिकी का नोबेल पुरस्कार 3 लोगों को संयुक्त रूप से दिया गया है. पुरस्कार की आधी रकम जरमनी में पैदा हुए वाइस को मिलेगी जबकि आधी रकम थोर्ने और बैरिश में बांटी जाएगी. राइनर वाइस मैसाचुसेट्स इंस्टिट्यूट औफ टैक्नोलौजी से जुड़े हैं जबकि बैरी बैरिश और किप थोर्ने कैलिफोर्निया इंस्टिट्यूट औफ टैक्नोलौजी से जुड़े हैं. सितंबर में गुरुत्वीय तरंगों की खोज में इन तीनों वैज्ञानिकों की अहम भूमिका थी. कई महीनों बाद जब इस खोज का ऐलान किया गया था तब न सिर्फ भौतिक विज्ञानियों में बल्कि आम लोगों में भी सनसनी फैल गई थी. इन तीनों अमेरिकी वैज्ञानिकों ने गुरुत्वीय तरंगों के अस्तित्व का पता लगाया और अल्बर्ट आइंस्टाइन के सदियों पुराने सिद्धांत को सच साबित किया.

गुरुत्वीय तरंगों की जिस खोज के लिए 3 अमेरिकी वैज्ञानिकों को फिजिक्स के नोबेल पुरस्कार से नवाजा गया है, उस खोज में भारतीय वैज्ञानिकों का भी बड़ा हाथ है. कुल 37 भारतीय वैज्ञानिकों ने गुरुत्वीय तरंगों की खोज का पेपर तैयार करने में अपना योगदान दिया है. हम आज भी नोबेल पुरस्कार पाने में बहुत पीछे हैं, चाहे वह विज्ञान का क्षेत्र हो या साहित्य का. लगभग सवा अरब आबादी और करीब 800 भाषाओं वाले देश के खाते में अब तक साहित्य का सिर्फ एक ही नोबेल पुरस्कार मिला है, सौ साल से भी ज्यादा समय बीत गया जब भारत को साहित्य का पहला और इकलौता नोबेल पुरस्कार मिला था. तब से रवींद्रनाथ टैगोर साहित्य के क्षेत्र में भारत के अकेले नोबेल विजेता हैं.

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