अनामिका राय सिंह, व्यवसायी

उत्तर प्रदेश के गोंडा और गाजीपुर जैसे छोटे जिलों में पढ़ाई करने के बाद राजधानी लखनऊ आईं अनामिका राय ने कम समय में ही बिजनैस के क्षेत्र में काम कर के न केवल खुद को साबित किया, बल्कि आज बहुत सारे लोगों को रोजगार भी दे रही हैं. वे कहती हैं कि महिलाओं को अपना पढ़ने का शौक बढ़ाना चाहिए. इसी से तरक्की का रास्ता निकलता है. पेश हैं, अनामिका से हुई गुफ्तगू के कुछ अंश:

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मेरे पिता गोंडा जिले की आईटीआई कंपनी में काम करते थे. स्कूल के दिन मेरे वहां बीते. केंद्रीय विद्यालय आईटीआई गोंडा से 12वीं कक्षा पास करने के बाद आगे की पढ़ाई के लिए लखनऊ आ गई. लखनऊ मेरे लिए बड़ा शहर था. लखनऊ विश्वविद्यालय से फूड न्यूट्रिशन में बीएससी करने के बाद ‘एचआर और मार्केटिंग’ में एमबीए किया. इस के बाद शादी हो गई. कुछ समय के बाद मुझे लैक्मे के सैलून की फ्रैंचाइजी लेने का मौका मिला. मुझे लगा कि यह काम मैं कर सकती हूं. अत: मैं ने काम शुरू किया. कामयाबी मिली तो 2 सालों में ही लखनऊ में 3 लैक्मे के सैलून खोल लिए.

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पहले लोगों को लगता था कि मैं इस काम को नहीं कर पाऊंगी, क्योंकि कालेज के बाद शादी और शादी के बाद यह बिजनैस. लोग समझते थे कि मुझे कोई अनुभव नहीं है. अपनी मेहनत से सफलता हासिल करने के बाद मुझे खुद पर भरोसा हुआ. फिर समाज के सामने खुद को साबित किया. तब लोगों की आलोचनाएं बंद हुईं. मुझे लगता है कि सफलता ही वह चीज है, जो आलोचनाएं बंद कर सकती है. मुझे ‘यंगैस्ट वूमन ऐंटरप्रन्योर 2017’ और ‘शख्सीयत ए लखनऊ’ जैसे सम्मान भी मिले.

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