सरोगेसी उस अरेंजमेंट को कहा जाता है जिसमें कोई भी शादीशुदा कपल बच्चे पैदा करने के लिए किसी महिला की कोख किराए पर लेता है. इसकी कई वजहें हो सकती हैं. जैसे कि अगर कपल बच्चे पैदा करने में अक्षम है, या फिर महिला को जान का खतरा हो बच्चे पैदा करने में. जो औरत अपनी कोख में दूसरों का बच्चा पालती, वो सरोगेट मदर कहलाती है.
पहले सरोगेसी को लेकर कोई नियम नहीं था तो महिलाएं अपनी कोख किराए पर देकर इससे पैसे भी कमाने लगी थी. खासकर विदेशी कपल सरोगेसी के लिए भारत आते थे.
ये भी पढ़ें- सरोगेसी: कोख मेरी है तो फैसला भी मेरा होगा, आपको बोलने का हक किसने
क्यों बना आखिर कानून?
साल 2008 में सुप्रीम कोर्ट के पास एक मामला आया बेबी मांजी यामादा बनाम यूनियन ऑफ इंडिया. ये जापान के कपल का केस था जिसमें वो सरोगेट करने के लिए भारत आए और यहां की एक महिला की कोख को किराये पर लिया लेकिन बच्चे के जन्म के एक महीने पहले ही इस कपल का ब्रेक अप हो गया. अब बच्चे का पिता बच्चे को अपने साथ जापान ले जाना चाहता था मगर न तो भारत और न ही जापान की तरफ से उसको इजाजत मिल रही थी. सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद बच्चे को उसकी दादी को सौंपा गया और साथ ही सरोगेट को लेकर एक बहस छिड़ गई. 2009 में लाॅ कमीशन ऑफ इंडिया ने पाया कि भारत में सरोगेसी की सुविधा का विदेशी लाभ उठा रहे हैं तो इसे बंद करने की सलाह दी गई.
आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें
डिजिटल
गृहशोभा सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं
- 2000+ फूड रेसिपीज
- 6000+ कहानियां
- 2000+ ब्यूटी, फैशन टिप्स
डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन
गृहशोभा सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं
- 24 प्रिंट मैगजीन
- 2000+ फूड रेसिपीज
- 6000+ कहानियां
- 2000+ ब्यूटी, फैशन टिप्स