बुरी नजर (Evil Eye) कई लोग इस पर पूरा विश्वास करते हैं और कुछ लोग ऐसे है जो मन ही मन इस पर विश्वास करते तो है पर दिखाते नहीं.

हमारे आसपास इतनी सारी चीज़े होती है जिससे कई बार हमें बुरी नजर की उपस्तिथि पर विश्वास हो जाता है जैसे कभी-कभी बच्चे अचानक बीमार पड़ जाते हैं या दिनभर रोने लग जाते हैं. हमारे बड़े बुजुर्ग हमसे कहते है की इन्हें नजर लग गयी है. वो हमें नजर उतारने के कुछ नुस्खे बताते है और जब हम वो नुस्खे बच्चों पर अपनाते है.

लोग सुन्दर सुन्दर घर बनवाते है और उसके आगे कभी काला मुखौटा, तो कभी जूता आदि भद्दी चीज़ें लटका देते है .जिससे की घर बिलकुल परफेक्ट न दिखे नहीं तो उसे नजर लग जाएगी.

असल में बात तो यह है की परफेक्शन आते ही Insecurity आ जाती है.अगर कोई भी चीज़ हमारे जीवन में अच्छी घटित होती है तो सबसे पहले हमारे मन में Insecurity का भाव आता है. हमें तुरंत उसको खोने का डर  शुरू हो जाता है और वही से ये अन्धविश्वास हमारे मन में घर कर जाता है की हमें नजर लग गयी है और जो हमको कम पसंद है हम उस आदमी को ज़िम्मेदार भी बनाना चाहते है की इसने नजर लगा दी होगी.

नजर कुछ नहीं ये सिर्फ आपकी सोच है. क्योंकि आपके जीवन में जो भी Positive हो रहा है वो आपके मन की उत्पत्ति है और जो Negative हो रहा है वो भी आपके मन की उत्पत्ति है.

अगर किसी की नजर से कुछ बिगड़ना शुरू हो जाये तो ये बहुत आसान है की हर देश अपने  बौर्डर पर बुरी नजर वाले लोग बैठा दे. नजर से ही देश तबाह हो जायेंगे.

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