ममता ने अपने बच्चों को बहुत नाजों से पाला था , एक ही उद्देश्य था बच्चों को उच्च शिक्षित करना. अपने अरमानों का गला घोटकर, शिक्षा में किसी प्रकार की कमी नहीं होने दी. आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं थी ना ही घर का मौहोल बहुत अच्छा था. पिता के साथ प्रेम, हँसी मजाक कोसो दूर थे. डर के साये में बच्चों का बचपन निकल गया. ममता ने बच्चों को अच्छी शिक्षा संस्कार प्रदान किया और उसे संस्कारों पर पूरा भरोसा था. रवि उनका लाडला बेटा उच्च शिक्षित हुआ, बम्बई आगे एम् टेक करने गया.

वहां आशा नाम की सहपाठी से प्रेम हो गया. एक दूसरे को समझने के बाद दोनों साथ में रहने लगे. २ वर्षों से वह घर नहीं आ रहा था. नौकरी भी वहीँ करने लगा. फ़ोन आने कम हो गए. माँ ने बहन डिंपल से कहा तुम उसके पास हो एक बार उसे देख आओ. उसे देखकर मन को धक्का लगा वह किसी लड़की के साथ रह रहा था. वह उलटे पैर वापिस आ गयी और आने वाले तूफान से चिंतित भी थी. घर में जब शादी की बात चली तब रवि ने अपनी बहन के माध्यम से यह बात पहुंचाई.

दीदी मै आशा के साथ शादी करना चाहता हूँ , आप माँ - पिता जी से कहो. मुझे जैसी लड़की चाहिए वह वैसी ही है. मुझे बहुत समझती हैं. मैंने अपने जीवन में बहुत धोखा खाया है, आपको ज्ञात है मुझे पहले मीरा ने कितना बड़ा धोखा दिया , साथ निभाने का वादा करके खूब उपयोग किया और काम निकल जाने पर दूसरे अमीर लड़के से शादी कर ली. शादी पर से मेरा विश्वास उठ गया था. आशा ने २ वर्षों में न केवल मुझे संभाला है अपितु बिना शर्तो के मेरा साथ दे रही है. वह मेरी सम्बल बनी है. हाँ उम्र में ४ महीने बड़ी है लेकिन इससे हमारे रिश्ते पर कोई असर नहीं पड़ा. मुझे इससे कुछ फर्क नहीं पड़ता है. वह बहुत समझदार है.

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